छत्तीसगढ़ में मानसून कमजोर पड़ गया है। अच्छी बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। अभी किसान फसलों की बोआई कर रहे हैं। ऐसे में बारिश नहीं होने से उनको भारी नुकसान हो सकता है। दूसरी ओर बारिश नहीं होने से गर्मी और उमस ने बेचैनी बढ़ा दी है।
पखवाड़ेभर पहले दक्षिणी छत्तीसगढ़ यानी बस्तर संभाग में अच्छी बारिश हुई थी। वहीं सरगुजा संभाग में सामान्य से 65 प्रतिशत कम पानी गिरा है। इस क्षेत्र में सूखे के हालात हैं। सीएम भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव को सर्वे कराने कहा है। मध्य छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद में भी औसत से कम बारिश हुई है।
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर अमृतसर, चंडीगढ़, बरेली, फुरसतगंज, वाराणसी, डाल्टनगंज, बालासोर और उसके बाद पूर्व-दक्षिण- पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। 4 अगस्त को प्रदेश के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली (वज्रपात) होने की भी संभावना है।
छत्तीसगढ़ में आकाशीय बिजली (गाज) गिरने की लगातार घटनाएं हो रही है। बुधवार को जांजगीर-चांपा में गाज गिरने से 2 महिलाओं की मौत हुई, जबकि 1 गंभीर रूप से झुलस गई। इससे पहले 29 जुलाई को महासमुंद जिले में गाज गिरने से 5 लोगों की मौत हुई थी। 6 महिलाएं भी झुलसी थीं। 28 जुलाई को जशपुर में गाज गिरने से 2 लोगों की मौत हुई थी। सरगुजा संभाग में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं ज्यादा हो रही है।