रायगढ़. रायगढ़ के ऐतिहासिक जन्माष्टमी मेला के बाद शहर की पूरी भीड़ एकाएक शहर के सावित्री नगर में लगे दोनों मीना बाजार की ओर डायवर्ट हो गई है। सकरे उबड़ खाबड मार्ग और इसमें हल्के चार पहिया वाहनों के प्रवेश के कारण रोज घंटों जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। इस मार्ग पर पुलिस और यातायात विभाग की भी कोई व्यवस्था नही है। जिसके चलते स्थानीय मोहल्ले के युवाओं को डंडे लेकर ट्रैफिक को सम्हालना पड़ रहा है। अगर स्थिति ऐसी ही बनी रही तो इस मार्ग पर कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित होनें से इंकार नही किया जा सकता।
ऐसा लगता है कि रायगढ़ शहर के ऐतिहासिक जन्माष्टमी मेला को संपन्न कराने के बाद पूरा पुलिस महकमा और ट्रैफिक विभाग आराम करने चला गया है। जिसके चलते शहर के मौदहापारा सावित्री नगर रोड़ में लगे दोनों मीना बाजारों में रोज शाम को भारी जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। जाम लगने के कारण विवाद और छोटे मोटे झगड़े की स्थिति लगातार निर्मित हो रही है। इस सकरे मार्ग पर वास्तव में नगर निगम प्रशासन को मीना बाजार लगाने से पहले ही पूरे मार्गो तथा खासकर अंडर ब्रिज की उबड़ खाबड़ सड़क की समुचित मरम्मत कराने के बाद ही इस स्थल पर मीना बाजार लगाने की अनुमती दी जानी चाहिए थी। मगर निगम प्रशासन ने मनोरंजन शुल्क और अधिकारी कर्मचारियों के लिये फ्री पास की सुविधा लेने के बाद इस ओर की समस्याओं से पूरी तरह से मुंह फेर लिया है।
मार्ग पर पुलिस और ट्रैफिक अमले की कोई व्यवस्था ही नजर नही आती। यहां तक कि पूरे मार्ग पर एक भी पुलिस कर्मी या टैªफिक सिपाही की ड्यूटी दिखाई नही दे रही है। जिसके चलते संकरे मार्ग पर बड़ी संख्या में हल्के भारी चार पहिया वाहनों के जबरन प्रवेश के चलते रोज शाम के समय लंबा जाम लगने की स्थिति निर्मित होते आ रही है। रोज जाम लगने और इस जाम में शहरवासियों के घंटो फंसे रहने के बावजूद किसी ने इस समस्या के समाधान की ओर अब तक ध्यान नही दिया है।
पुलिस और ट्रैफिक अमले का हस्तक्षेप नही होनें के कारण सड़क पर ही वाहनों की बेतरतीब पार्किंग हो रही है जिसके चलते जाम से निकलने में लोगों को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। संकरी सड़क, संकरे पुल और उबड़ खाबड़ टेढे मेढे मार्ग पर मीना बाजार लगाने के निर्णय पर ही अब सवालिया निशान खड़े होनंे लगे हैं। आलम यह है कि अगर अब भी समय रहते हालात में सुधार के प्रयास नही किये गए तो यहां कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है। संवेदनशील पुलिस कप्तान को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर जनहित में जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।