बिलासपुर। प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर बिलासपुर कांनून व्यवस्था की लचर बंदोबस्त के कारण अपराध गढ़ बनता जा रहा है । चाकूबाजी,लूटपाट,हत्या और गैंगवार जैसी सिलसिलेवार घटना के चलते बिलासपुर के लोग डरे संहमे हुए है। न्यायधानी में बिगड़ती कांनून व्यवस्था के चलते भय के माहौल है।
अभी तक सड़को में चलने वाले गैंगवार की आग की आंच अब केंद्रीय जेल तक पहुच चुकी है । और अब जेल के अंदर ही अपराधी खूनी खेल खेलते नजर आ रहे है । ताजा मामला सामने आने से जेल प्रशासन से लेकर पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है । जेल प्रशासन पर मामले को दबाने और लीपापोती के गम्भीर आरोप लगा रहे है। जानकारी के अनुसार सरकंडा थाने में एक मामले में फरार चल रहे आरोपी विष्णु वंशकार ने सरकंडा थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था जिसके बाद अभियुक्त को जेल दाखिल कर दिया गया था ।
बता दे गुरुवार दोपहर 12 बजे जेल केम्पस के अंदर ही विष्णु से पुरानी रंजीश रखने वाले कुछ कैदियों ने जानलेवा हमला कर उसकी हत्या करने की कोशिश की है।अभियुक्त विष्णु को जेल के अंदर अचानक हुए हमले में गम्भीर चोटे आई है जिसको ये तस्वीरें बया कर रही है। विष्णु की परिजनों की माने तो हमला किसी धारधार हथियार नुमा चीज से किया गया है। पीठ में कुछ नुकीली चीज घोप कर उसकी हत्या करने की कोशिश की और सर पर भी गंभीर वार किए ।
केंद्रीय जेल के अंदर हुई इस खूनी वारदात के बाद जेल प्रशासन के हाथपांव फूल गए और आनन फानन में मामले को दबाने की भरकश कोशिश की गई । लेकिन गम्भीर रूप से घायल विष्णु की लगातार बिगड़ रही स्तिथि को देखते हुए जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सिम्स में इलाज के लिए गुपचुप तरीके से भर्ती करवाया गया।
परिजनों से मिली जनकारी के अनुसार इस दौरान जेल प्रशासन ने मामले को हल्का करने के लिए घायल अभियुक्त को जेल वापिस ले जाने की कोशिश की लेकिन परिजनो के हंगामे और डाक्टरो की रिपोर्ट के आधार पर घायल विष्णु को जेल वापिस ले जाने के मंसूबो पर पानी फिर गया और मामला उजागर हो गया है। इस खूनी संघर्ष के बाद अभियुक्त के परिजनों को विष्णु की जान को खतरा बताते हुए उच्च अधिकारियों और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर केंद्रीय जेल के अधिकारियों और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करते नजर आ रहे है।
