हाल के दिनों में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. बढ़ते अपराध के जेल कनेक्शन को ढूंढ़ते हुए जब जेल में छापेमारी की गई तो अधिकारियों के पैर के नीचे से जमीन खिसक गई. दरअसल आरा की जेल परिसर से एक-दो नहीं बल्कि 35 मोबाइल मिले हैं.
इस घटना से अचंभित हुए अधिकारियों ने जेल के उपाधीक्षक समेत तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया है साथ ही 15 कैदियों को दूसरे स्थानों पर भेजने की अनुशंसा की है. हाल के दिनों में बढ़ते अपराध के कारण भोजपुर काफी सुर्खियों में रहा है. बढ़ते अपराध का ही नतीजा था कि डीएम राजकुमार ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को पत्र लिखकर जिले की विधि व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया था. इसके बाद जिला प्रशासन की नजर भोजपुर जेल पर थी.
पिछले दिनों डीएम राजकुमार और एसपी संजय सिंह ने जेल में छापेमारी कर भारी संख्या में मोबाइल बरामद किया था. उसके बाद डीएम राजकुमार ने जेल के सुपरिटेंडेंट को जेल की व्यवस्था सुदृढ़ करने और समय-समय पर छापेमारी करने का निर्देश दिया था. शनिवार को जेल सुपरिटेंडेंट संदीप कुमार ने जेल में बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया. इस दौरान जेल से 35 मोबाइल, चार्जर और सिम बरामद किए गए.
जेल अधीक्षक ने इसे बड़ी लापरवाही मांगते हुए तत्काल जेल उपाधीक्षक सरवर इमाम खान को निलंबित किया. इसके अलावा रक्षित उच्च कक्षपाल एजाज अहमद, कक्षपाल जितेंद्र कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है. जमीन में 5 से 6 फीट अंदर कैदियों ने मोबाइल गाड़कर रखा था. वार्ड नंबर 7 से 14 और 6 से 10 के पीछे बने बाथरूम में जमीन के नीचे 6 से 7 फीट गड्ढे में कई मोबाइल दबाए गए थे. जेल अधीक्षक ने इसे गंभीर मामला मानते हुए लापरवाही के आरोप में जेल उपाधीक्षक सरवर इमाम खान सहित तीन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
जेल प्रशासन को इस बात का अंदेशा है कि जेल के अंदर कक्षपालो ने एक संगठित गिरोह बना रखा है और उन्हीं के माध्यम से जेल के अंदर मोबाइल की सप्लाई की जाती है. जिनके पास से मोबाइल मिला है उन कैदियों के खिलाफ थाने में केस दर्ज करवाया जा रहा है और 15 कैदियों को दूसरे जेल में भेजने की अनुशंसा आईजी जेल से की गई है.