जिम्मेदार अधिकारी की सरपरस्ती पर पंचायतों में किया जा रहा मूलभूत राशि का बंदरबांट

by Kakajee News

रायगढ़। जिला का सबसे छोटा जनपद पंचायत घरघोडा भ्रष्टाचार और विवादों के मामले में किसी परिचय का मोहताज नही है वर्तमान जनपद अधिकारी को जिला पंचायत का आर्शीवाद प्राप्त होने की बात जन चर्चा का विषय बना हुआ है जिसके कारण जनपद में व्याप्त भ्रष्टाचार अपने चरम पर है । जनपद पंचायतो में भ्रष्टाचार में संलिप्त कुछ चुनिंदा सचिवों को खुली छूट दे दी गई है।

विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला पंचायत द्वारा घरघोडा जनपद पंचायत में ग्राम पंचायतो को 7 सितंबर 2022 को मूलभूत मद में 87 हजार 5 सौ रुपया आवंटन किया गया। उक्त मद की राशि से जनपद के अधिकांश पंचायतो द्वारा भ्रष्टाचार करने के लिए कमीशन के रूप में जनपद अधिकारी को 10 हजार रुपये देने के बाद पंचायतों को बाकी पैसों का बंदरबांट करने के लिए फ्री हैंड करने की बात कार्यालय से लेकर बाजार में आम चर्चा का विषय बना हुआ है । वहीं बताया जा रहा है बताया जा रहा है कुछ दिनों पूर्व घरघोडा जनपद के 14 पंचायत की जिला पंचायत में जाँच के नाम पर मोटी रकम की वसूल करने की बात सामने आई है। इस तरह अनेक हथकंडा से शासकीय राशियों का बंदरबांट कर अधिकारी कर्मचारी अपनी तिजोरिया भरने में लगे हैं!

बहरहाल देखना होगा । कही न कही अखबारों की सुर्खियों में रहने वाले सीईओ उपाध्याय का पुसौर के साथ घरघोड़ का कार्यकाल सवालों के कटघरे में है। एक तरफ शासन के आदेश से आये सीईओ शिव कुमार टंडन को जिला के मौखिक आदेश से हटा दिया गया है टंडन के कुर्सी छोड़ते ही भ्रस्टाचार के स्तर को बढ़ने की बात कार्यलय में कही जा रही है ।

सीईओ उपाध्याय के कार्यप्रणाली से सरपंच सचिव कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। जिसके कारण जनविकास के काम अवरुद्ध हो गया है। परंतु जिला प्रशासन का घरघोडा जैसे छोटे जनपद को विवादों की स्थिति में छोड़ देने से क्षेत्रवासियो में असंतोष विस्फोटक होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता हैं!

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