एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को 10 बच्चों के साथ यह कहकर घर से बाहर निकाल दिया कि वह अशुद्ध हो गई है क्योंकि उसने नसबंदी कराई है। मामला ओडिशा के क्योंझर जिले का बताया जा रहा है। यहां हर साल एक बच्चे को जन्म देने के बाद थक चुकी महिला ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कराई थी।
दिहाड़ी मजदूरी करने वाले उसके पति ने 11 साल पहले पहली पत्नी की मृत्यु के बाद इस महिला से शादी रचाई थी। जानकी ने 11 साल में एक मृत बच्चे समेत 11 बच्चों को जन्म दिया था।
ओडिशा के क्योंझर जिले के तेलकोई प्रखंड के सलीकेना ग्राम पंचायत के डिमिरिया गांव की भुइयां आदिवासी रबी देहुरी से शादी के बाद से हर साल एक बच्चे को जन्म देने से थक चुकी जानकी देहुरी ने मंगलवार को तेलकोई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कराई। दिहाड़ी मजदूर रबी ने 11 साल पहले अपनी पहली पत्नी की मौत के बाद जानकी से शादी की थी। जानकी ने एक मृत बच्चे समेत 11 साल में 11 बच्चों को जन्म दिया था।
शादी के बाद जानकी हर साल एक बच्चे को जन्म देती रहीं जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। स्थानीय आशा कार्यकर्ता बिजयलक्ष्मी बिस्वाल के कहने पर जानकी परिवार नियोजन शिविर में नसबंदी कराने को तैयार हुई।
दे रहा तीर चलाने की धमकी
लेकिन जैसे ही वह घर लौटी, गुस्से में रबी ने उस पर अपवित्र होने का आरोप लगाकर उसे घर से भगा दिया। आशा कार्यकर्ता ने कहा, “उसने अपनी पत्नी से कहा कि उसने परिवार का नाम खराब कर दिया है और पूर्वजों के लिए ‘श्राद्ध’ करने के लिए अयोग्य हो गई है। बुधवार से जानकी और उसके 10 बच्चे घर के बाहर एक मांग के पेड़ के नीचे रह रही है, क्योंकि रबी उसे घर में प्रवेश नहीं दे रहा है। हमने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन उसने हम पर तीर चलाने की धमकी दी है।”
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-4 (2015-2016) की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि ओडिशा ने कुल प्रजनन दर लक्ष्य 2.1 हासिल कर लिया है, लेकिन आदिवासियों के बीच यह दर 2.5 है। अधिकांश आदिवासी कम उम्र में शादी कर लेते हैं और गर्भनिरोधक का बहुत कम उपयोग करते हैं जिससे कम उम्र में बच्चे पैदा हो जाते हैं। गर्भधारण के बीच कोई स्वस्थ समय और अंतराल नहीं होने से यह माताओं और शिशुओं में अधिक रुग्णता और मृत्यु दर का कारण बनता है।