रायपुर/दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई। जिले के बचेली में मृत पाए गए कौए के सैंपल में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस पाए गए हैं। इसकी पुष्टि करते हुए उप संचालक पशुधन विभाग डा. अजमेर सिंह कुशवाह ने कहा है कि मंगलवार को इलाके के सभी मुर्गे-मुर्गियों को दफनाया जाएगा। उधर बालोद जिले के गिधाली में रविवार को एक हजार मुर्गियों और 32 कबूतरों को दफनाया गया। इससे पहले शनिवार को बर्ड फ्लू की आशंका में यहां 10 हजार मुर्गियों को दफनाया गया था। इस क्षेत्र के घर-घर में मुर्गियों की सघन जांच की जा रही है।
दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल और बचेली में पिछले दिनों मृत कौए मिले थे। जिनका सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया था। इसके साथ ही एक जंगली कबूतर, तोता, मुर्गे-मुर्गियों के भी सैंपल भेजे गए हैं। बचेली के वार्ड नंबर 16 में 14 जनवरी को एक कौआ मरा मिला था। जिसका शव विभाग ने कब्जे में लेने के बाद सैंपल को लैब भेजा था। फिलहाल इसी कौए के सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।
किरंदुल से भेजे गए मृत कौए के सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है, जबकि पड़ोसी जिला बस्तर से भेजे गए तीन सैंपल में दो की रिपोर्ट पाजिटिव आई हैं। आइटीआइ बस्तर के कबूतर और जगदलपुर के पवार हाउस चौक में मृत मिले कौए के सैंपल भी पाजिटिव हैं।
बालोद जिले में मरी मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद डौंडी ब्लाक के गिधाली क्षेत्र में पूरे एक किलोमीटर क्षेत्र में कबूतर और पोल्ट्री फार्म के मुर्गियों को प्रशासन के आदेश पर दफनाया जा जा रहा है। रविवार की शाम तक पशु विभाग के उपसंचालक आरएस मौर्य और नोडल अधिकारी टीडी देवांगन दलबल सहित गिधाली क्षेत्र में पहुंचकर घर-घर सर्वे कर मिलने वाली मुर्गियों कोदफनाने का कार्य जारी है।
रविवार को एक हजार और मुर्गियों और 32 कबूतरों को दफनाया गया। उल्लेखनीय है कि गिधाली आयरन ओर क्षेत्र के नाम से विख्यात हैं और उस क्षेत्र में बर्ड फ्लू के कारण क्षेत्र में दहशत जैसा माहौल बना हुआ है। पिछले तीन दिनों से लगातार मुर्गियों को नष्ट करने का कार्य जारी है। शनिवार को 10 हजार से ज्यादा मुर्गियों को दफनाया गया था। । डौंडी ब्लाक के कुसुमकसा के निकट के बसा ग्राम गिधाली में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद ग्राम गिधाली के जीएस पोल्ट्री फार्म से एक किमी के दायरे को संक्रमित क्षेत्र घोषित किया गया हैं। वहीं अब रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा इस संक्रमित क्षेत्र के अंतर्गत पोल्ट्री फार्म की मुर्गे-मुर्गियों एवं ग्रामीणों के द्वारा पाली गई मुर्गे-मुर्गियों सहित अन्य पक्षियों को मारा जाएगा। गत दिनों प्रदेश के पशु चिकित्सा सेवाएं के अपर संचालक डा. के के ध्रुव एवं रैपिड रिस्पांस टीम के सदस्य डा. फारुखी एवं डा. अर्चना टंडन डौंडी ब्लाक के ग्राम की गिधाली पहुचे थे। जहां रैपिड रिस्पांस टीम ने गिधाली सिथत छत्तीसगढ़ पोल्ट्री फार्म की 10 हजार 500 मुर्गे मुर्गियों को मारकर दफनाया। जेसीबी से 10 फ़ीट का गड्ढा खोदकर 10 हजार 500 मुर्गे-मुर्गियों को दफन किया गया। मौके पर जिला पशु चिकित्सा विभाग की टीम भी मौजूद रही। वहीं रविवार को 32 कबूतरों को भी नष्ट किया गया। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद गिधाली के आसपास सर्वे किया गया था। छत्तीसगढ़ पोल्ट्री फार्म की 10 हजार 500 मुर्गे-मुर्गियां एवं गांव की 30 मुर्गियों, ग्रामीणों द्वारा पाली गई 162 देशी मुर्गियां और 32 कबूतरों का चिन्हांकन किया गया था। जिसमें मुर्गे-मुर्गियों को शनिवार को रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा नष्ट किया गया हैं। वही कबूतरों को रविवार को नष्ट किया गया। बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद गांव के दस किमी दूर तक मांस की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। बर्ड फ्लू वायरस से ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त हैं.
पशु चिकित्सा सेवाएं के अपर संचालक डा. केके ध्रुव ने जानकारी देते हुए बताया कि गिधाली स्थित जीएस पोल्ट्री फार्म में 210 मुर्गे-मुर्गियों के मौत के बाद जो सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे। उसमे बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई हैं। जिसके बाद जीएस पोल्ट्री फार्म से एक किमी तक के दायरे को संक्रमित क्षेत्र घोषित किया गया हैं। इस संक्रमित क्षेत्र के अंतर्गत स्थित सभी पोल्ट्री फार्म की मुर्गे-मुर्गियों को एवं ग्रामीणों द्वारा भी पाली गई मुर्गे-मुर्गियों एवं अन्य पक्षियों को नष्ट किया जाएगा। ध्रुव ने बताया कि छत्तीसगढ़ पोल्ट्री फार्म के संचालक को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। जिसके लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। बहरहाल गिधाली क्षेत्र में बर्ड फ्लू के होने के बाद एक किलोमीटर क्षेत्र पूरी तरह संक्रमित घोषित कर दिया गया है।