धुएं के छल्ले से छलनी हो रहीं हड्डियां; जुड़ने में ले रहीं लंबा समय, धूम्रपान बढ़ाता है कोर्टिसोल हार्मोन

by Kakajee News

धूम्रपान के धुएं के छल्ले हड्डियों को कमजोर कर रहे हैं। इससे कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जिससे हड्डी टूट सकती है। वहीं ये कैल्सीटोनिक हार्मोन को बाधित करता है जो हमारे हड्डियों को बनाने में सहायक होते हैं। धूम्रपान के कारण हड्डियों की सघनता, गुणवत्ता प्रभावित होती है।

 

आंकड़े बताते हैं कि युवा व्यस्क तेजी से धूम्रपान करने के आदी बन रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या में लोग चैन स्मोकर तक बन जाते हैं। यदि ऐसे लोगों में फैक्चर होता है तो समस्याएं बढ़ जाती हैं। राष्ट्रीय तम्बाकू मुक्ति सेवा के आंकड़े बताते हैं कि यहां आए कॉल में सबसे ज्यादा सेवन करने वालों में 10वीं पास के छात्र पाए गए हैं। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में आ रहे मरीजों में धूम्रपान करने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। हालांकि पूछताछ में अधिकतर मरीज साफ मना कर देते हैं, लेकिन उपचार के दौरान जब रोग के ठीक होने में देरी होती है या समस्या बढ़ जाती है तो इसका पता चलता है।

अस्पताल में 20% तक मामले
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में धूम्रपान करने वाले 15 से 20 फीसदी मामले आते हैं। इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। विभाग की ओपीडी में रोजाना 500-600 मरीज आते हैं। इनमें से 100 से 150 मरीज फैक्चर से जुड़े होते हैं। इन मरीजों में जो चैन स्मोकर होते हैं, या अत्याधिक धूम्रपान करते हैं उनकी समस्या काफी गंभीर हो जाती है।

 

मरीजों को पूरी तरह धूम्रपान छोड़ने को कहते हैं डॉक्टर
इस बारे में विभाग के सलाहकार डॉ. ओपी मीणा ने बताया कि धूम्रपान करने वाले मरीजों में बेहतर तरीके से ऑपरेशन करने के बाद भी हड्डी जुड़ने में काफी समय लगता है। धूम्रपान के कारण हड्डी की गुणवत्ता खराब होती है। इसके अलावा अन्य समस्याएं भी बढ़ जाती है। यहीं कारण है मरीजों को पूरी तरह से धूम्रपान छोड़ने को कहा जाता है। लेकिन देखा गया है कि अधिकतर लोग छोड़ते ही नहीं हैं।

Related Posts