भारतीय कुत्तों की नस्ल रामपुर हाउंड, हिमालय के पर्वतीय कुत्ते हिमाचली चरवाहा, गद्दी और बखरवाल तथा तिब्बती मास्टिफ को जल्द ही संदिग्धों, मादक पदार्थों और विस्फोटकों का पता लगाने जैसे पुलिस कर्तव्यों के लिए तैनात किया जा सकता है।
बीएसएफ, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) पुलिस ड्यूटी के लिए भारतीय कुत्तों की नस्लों की भर्ती करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि रामपुर हाउंड जैसी नस्लों के कुछ कुत्तों का परीक्षण चल रहा है। इसके साथ ही हिमालय पर्वत के कुत्तों के परीक्षण के लिए भी एक आदेश जारी किया गया है।
बता दें, फिलहाल जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर, बेल्जियन मेलिनोइस और कॉकर स्पैनियल जैसी विदेशी नस्लें पुलिस कर्तव्यों के लिए तैनात हैं।
एसएसबी और आईटीबीपी ने भारतीय कुत्ते की नस्ल मुधोल हाउंड का परीक्षण पहले ही पूरा कर लिया है। रामपुर हाउंड जैसे कुछ अन्य भारतीय कुत्तों की नस्लों का भी सीआरपीएफ और बीएसएफ के कैनाइन प्रशिक्षण केंद्रों में परीक्षण चल रहा है।
इसके अलावा, मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) द्वारा एक साथ हिमाचली शेफर्ड, गद्दी, बखरवाल और तिब्बती मास्टिफ़ जैसे हिमाचली कुत्तों के परीक्षण का भी आदेश दिया है। अभी ट्रायल चल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी वैज्ञानिक माध्यमों से स्थानीय कुत्तों की नस्लों को बढ़ावा देने की बात कह चुके हैं।
सीएपीएफ द्वारा किराए पर लिए गए सभी कुत्ते पुलिस सेवा K9 (पीएसके) दस्तों का हिस्सा हैं। बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स इन कुत्तों को प्रशिक्षण देते हैं।
पुलिस कुत्तों को गश्त और अन्य कार्यों के अलावा आईईडी और खदानों, नशीले पदार्थों और नकली मुद्रा जैसे विस्फोटकों का पता लगाने जैसे कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान में कभी-कभी कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
गौरतलब है, सीएपीएफ करीब चार हजार कुत्तों का उपयोग करता है। हर साल लगभग 300 पिल्लों को सीएपीएफ द्वारा काम पर रखा जाता है। सीएपीएफ में कुत्तों की सबसे बड़ी संख्या केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (लगभग 1,500) के पास है, इसके बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (लगभग 700) का नंबर आता है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, आतंकवाद विरोधी संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के पास लगभग 100 कुत्ते हैं।
K9 दस्ते की स्थापना गृह मंत्रालय द्वारा 2019 में अपने पुलिस आधुनिकीकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कुत्तों के प्रजनन, प्रशिक्षण और चयन को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से की गई थी।