इंदौर । शहर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में बच्चों और बुजुर्गों के साथ यहां आने वाले तमाम दर्शकों के लिए सैर करना अब आसान होगा। चाहे शेरों का बाड़ा हो या सांपघर या फिर हाथी मोती का बाड़ा हो, सभी जगह दर्शक बिना थके मिनटों में पहुंच सकेंगे। चिड़ियाघर प्रबंधन द्वारा बैटरी चलित कार चलाने के लिए पांच साल से की जा रही कवायद पूरी हो गई है। सप्ताहभर में यहां तीन कारें दर्शकों के लिए चलने लगेंगी।
दर्शकों को यहां घूमने के लिए पैदल दो से ढाई घंटे का समय लगता है, वहीं बैटरी चलित कारों से एक भ्रमण 45 मिनट में पूरा हो जाएगा। वह दरियाई घोड़ा, शेर, हाथी के साथ चि-त स्थानों पर तीन से पांच मिनटों के लिए रुकेगी। कार मुख्य द्वार से पुराने चिड़ियाघर और कैदी बाग तक चलेगी। बारिश व धूप से बचने के लिए कार पर छत रहेगी और अन्य हिस्सा खुला रहेगा। इससे दर्शक कार से ही जानवरों को निहार सकेंगे। कारें बीओटी मॉडल के तहत चलाई जा रही हैं। इसमें कार मालिक नगर निगम को एक सीट के प्रतिदिन 56 रुपये देगा जबकि वह प्रत्येक सवारी से 30 रुपये की राशि लेगा। कार की मरम्मत और अन्य सभी खर्च भी उठाएगा।
ये है आकर्षण का केंद्र
चिड़ियाघर में 65 से अधिक पिंजरे हैं। इसमें सांपघर भी शामिल हैं। सांपघर में 15 प्रजातियों के 30 सांप रखे गए हैं। शेर, बाघ, तेंदुए, घड़ियाल, बारहसिंगा सहित 60 प्रजातियों के वन्य पशु और पक्षी हैं। पक्षी विहार का काम भी पूरा हो चुका है। इसमें एक्जॉटिक प्रजाति के कई पक्षी हैं। इसे भी दर्शकों के लिए खोलने की तैयारी है। इसमें 22 प्रजातियों के 250 पक्षियों रखे गए हैं। यह डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से 980 वर्गफीट में बना है। बर्ड फ्लू के कारण इसे दर्शकों के लिए खोलने की तारीख आगे बढ़ा दी गई थी।
लंबे समय से चल रहे थे प्रयास
चिड़ियाघर के विस्तार के बाद से दर्शकों की ओर से बैटरी कार चलाने की मांग आ रही थी। इसके लिए लंबे समय से कवायद चल रही थी। सप्ताहभर में ये कारें चलने लगेंगी। इससे इच्छुक दर्शक सरलता से चिड़ियाघर की सैर कम समय में कर सकेंगे। जिन मार्गों से अभी पैदल दर्शक जाते हैं, उन सभी से कार भी गुजरेगी।