इस जानलेवा बीमारी के शिकार हो रहे हैं भारतीय, WHO ने कहा- दुनिया में सबसे ज्यादा मरीज

by Kakajee News

Desk News: विश्व स्वास्थ्य संगठन के जारी किए गए एक आंकड़े के मुताबिक, वर्ष 2022 में ट्यूबरक्लोसिस जिसे सामान्य भाषा में टीबी कहते हैं, के दुनियाभर में 75 लाख (7.5 मिलियन) मामले दर्ज किए गए हैं। वैश्विक स्तर पर तेजी से फैल रही इस बीमारी के कारण दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक मौतें हो रही हैं। वहीं डब्ल्यूएचओ के आंकड़े के मुताबिक, टीबी के सबसे अधिक मामले भारत में सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में भारत में 28.2 लाख टीबी के मामले सामने आए थे। हालांकि 2015 से 2022 के बीच टीबी के मामलों में कुछ गिरावट दर्ज की गई थी।
भारत के अलावा कई देशों में टीबी तेजी से फैल रही बीमारी बन चुकी हैं। इसमें इंडोनेशिया में 10 फीसदी, चीन में 7 फीसदी, पाकिस्तान में 5.7 प्रतिशत, नाइजीरिया में 4.5 फीसदी और बांग्लादेश में 3.6 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे। केवल भारत, इंडोनेशिया और फिलीपिंस में सबसे अधिक टीबी के रोगी हैं। भारत, इंडोनेशिया और फिलीपींस के रोगियों को मिलाकर दुनियाभर का 60 फीसदी आंकड़ा होता है, जो कि 2020 और 2021 में नए रिपोर्ट किए गए।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में टीबी के कारण लगभग 3 लाख 42 हजार लोगों की मौत हुई थी। इसमें से 3 लाख 31 लोग एचआईवी नेगेटिव थे और 11 हजार लोगों को एचआईवी संक्रमण था। मरने वाले रोगियों में से बहुत लोगों को टीबी का सही इलाज नहीं मिला और कुछ को समय पर इलाज नहीं मिल पाया। यह रिपोर्ट टीबी निदान और उपचार सेवाओं के पैमाने में एक महत्वपूर्ण विश्वव्यापी सुधार को रेखांकित करती है। कोविड-19 के हानिकारक प्रभावों को दूर करने के लिए एक उत्साहजनक प्रवृत्ति को दर्शाती है।

डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम कहते हैं हमारे पूर्वज टीबी से पीड़ित थे और इस बीमारी के कारण और बचाव के बारे में बिना जानकारी मर गए। हालांकि आ हम इस रोग के बारे में सबकुछ जानते हैं। हमारे पास वह अवसर है जो हमसे पहले की पीढ़ी के पास नहीं था।

2020 से 2022 के बीच कोविड 19 के प्रभाव के परिणामस्वरूप करीब हजारों लोगों की मौत टीबी से हो गई, जो सामान्य दर्ज आंकड़ों से अधिक थी। एचआईवी पीड़ितों के लिए टीबी मौत का सामान्य कारक भी है।

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