कार्रवाई के नाम पर पुलिस क्यों करती है लीपापोती, कभी हेडलाइन तो कभी मामले को छुपाकर जनता को नही देती जानकारी

by Kakajee News

रायगढ़। रायगढ़ पुलिस में इन दिनों कार्रवाई के नाम पर कई थाना प्रभारी दुर्घटना से लेकर महिला संबंधी अपराधों पर पर्दा डालने के लिये पत्रकारो को गुमराह करने में लगे हैं। कई जानकारी तो ऐसी भी है जिस पर पुलिस कार्रवाई तो करती है लेकिन जब इसकी जानकारी संबंधित थाना प्रभारी से मांगी जाती है तो उस मामले में भी लीपापोती करने की एक परंपरा चल रही है। अधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि भी की है। हाल ही में दो बड़े मामले इसके उदाहरण है जब एक मुकबिधर युवती बलात्कार के आरोपी को तीन दिन बाद गिरफ्तार कर लिया जाता है लेकिन हमेशा विज्ञप्ति जारी करके अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस इस मामले में न तो अपने डीएसआर गु्रप में जानकारी पत्रकारों से शेयर की और न ही संबंधित अधिकारियों ने इस पर बात की। इतना ही नही जिस युवक को तीन दिन बाद गिरफ्तार किया गया था उसकी फोटो भी किसी को देने में भी आना कानी की गई।
रायगढ़ पुलिस की एक और महत्वपूर्ण घटना उस वक्त सामने आती है जब दो युवकों की मौत कथित तौर पर जहर खाने से हो जाती है। कोतरा रोड थाने से संबंधित यह पूरा मामला तीन दिन पुराना जरूर है लेकिन इस थाना के प्रभारी को दोनों युवकों की मौत से लेकर उन्हें प्रारंभिक जानकारी मिलने से अस्पताल भेजने तक की पुरी तहकीकात उनके थाने में है लेकिन आज दिनांक तक इस छोटे से मामले में न तो थाना प्रभारी कुछ कह पा रहे हैं और न ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जानकारी मिल पा रही है। यहां हम आपको यह बता दें कि कुछ पत्रकारों ने इस मामले को युवकों के बीच लिव इन रिलेशनशीप से जोडा है पर पुलिस की थ्योरी क्या कहती है इस पर कोई भी अधिकारी जवाब नही दे रहा।
युवती से बलात्कार की घटना व दोनों युवकों की मौत के मामले कोतरा रोड थान से ही संबंधित है और दोनों ही मामलों में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बैठने वाले बड़े अधिकारी व उनके डीएसआर ग्रुप में कुछ नही बताना इस बात के संकेत है कि रायगढ पुलिस अपनी खुद की वाहवाही करवाने के लिये जो जानकारी दे दे वहीं सही है और अगर कोई गंभीर घटना की जानकारी मांगी जाती है तो उस पर उनकी चुप्पी बताती है कि कैसे पुलिस विभाग में यह नया खेल शुरू हो चुका है।
हम आपको यह भी बता दें कि हाल ही में पुलिस विभाग ने जूटमिल थाने की एक कार्रवाई को प्रदेश स्तर से जोड़ते हुए खुब वाहवाही लूटी थी जिसमें एक पुलिस का हवलदार भी बतौर आरोपी शामिल था। लेकिन मजे की बात ये है कि पुलिस ने पत्रकार वार्ता से लेकर अभी तक वह पुलिस ने उसकी फोटो वीडियो नही जारी की है। केवल नाम बताकर पत्रकारों को यह जताया गया था कि पुलिस अपने विभाग को भी नही बख्श रही है और जब हर अपराधी का फोटो वीडियो डीएसआर गु्रप व पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी सार्वजनिक की जाती है तो गांजे वाले मामले में पकड़े गए हवलदार का फोटो व वीडियो क्यों नही जारी किया गया।
बहरहाल देखना यह है कि एक बार नही, दो बार नही बल्कि बार-बार पुलिस अपने मतलब के समाचार जारी करके कुछ मामलों में चुप्पी साधकर क्या पत्रकारों को गुमराह करने का नया तरीका इजाद कर रही है।

Related Posts