आखिर कहां से आया छत्तीसगढ़ ब्रांड शराब का 21 हजार ढक्कन ? , कोतरा रोड़ अवैध शराब फैक्ट्री मामले में और हो सकता बड़ा है खुलासा , आबकारी विभाग के बड़े अधिकारी भी आ सकते हैं कार्रवाई की चपेट में

by Kakajee News

रायगढ़। शहर के कोतरा रोड़ में शनिवार की सुबह आबकारी विभाग की एक टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए बड़ी मात्रा में झारखंड, आंध्रप्रदेश व ओडि़सा की लाखों रूपये की शराब जब्त करने के अलावा छत्तीसगढ़ ब्रांड शराब की 21 हजार ढक्कन बरामद की है। इस फैक्ट्री में अन्य प्रदेशों की सस्ती शराब को छत्तीसगढ़ ब्रांड की महंगी शराब बनाकर कोचियों को बेचने का काम किया जा रहा था। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर छत्तीसगढ़ शासन के संरक्षण में संचालित शराब दुकानों में या वेयर हाउस में उपलब्ध छत्तीसगढ़ ब्रांड के शराब के ढक्कन यहां कैसे पहुंच गए। क्या इस सप्लाई में आबकारी अमले के किसी अधिकारी की भी संदिग्ध भूमिका है?
बीते कुछ वर्षो के दौरान नई शराब नीति के तहत शराब दुकान का संचालन सरकार के द्वारा किया जा रहा है इस दौरान पूरे छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग सरकारी शराब का कारोबार को सम्हाल रही है। कोतरा रोड स्थित अवैध शराब फैक्ट्री में छत्तीसगढ़ ब्रांड शराब की 21 हजार ढक्कन मिलना कहीं न कहीं आबकारी विभाग की लापरवाही या फिर इस मामले में सांठगांठ में मिलीभगत की ओर ईशारा भी करता है। कोतरा रोड़ में स्थित अवैध शराब फैक्ट्री में अवैध शराब का जखीरा पकड़ाने का मामला उजागर होनें के बाद छत्तीसगढ़ के डीजीपी ने सिटी कोतवाली के एक एसआई व एक एएसआई को तत्काल सस्पेंड करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व सीएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जबकि शहर के अंदर लंबे अर्से से संचालित इस कारोबार में आबकारी विभाग के द्वारा पहले कोई कार्रवाई नही की गई थी।
शहर में अंदर लगभग ढाई लाख रूपये के अवैध शराब का जखीरा पकड़ाने एवं छत्तीसगढ़ ब्रांड शराब की 21 हजार ढक्कन अवैध शराब फैक्ट्री से बरामद होनें के बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि कहीं न कहीं इस मामले में आबकारी विभाग की बड़ी लापरवाही है या फिर विभाग के बड़े अधिकारी की संलिप्पता तभी छत्तीसगढ़ ब्रांड शराब की 21हजार ढक्कन मौके पर बरामद हुई है। अवैध शराब फैक्ट्री को लेकर लोगों का यह भी कहना था विभागीय लापरवाही का खामियाजा भी शराब प्रेमियों को भुगतना पड़ता और किसी की जान भी जा सकती थी जिसका जिम्मेदार छत्तीसगढ़ सरकार को ठहराया जाता। लोगों की मानें तो इस मामले में कार्रवाई होनें के बाद अवैध शराब फैक्ट्री का भांडाफोड के पश्चात अगर सूक्ष्मता से जांच की जाए तो और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। जिसमें आबकारी विभाग के बड़े अधिकारियों की गर्दन नप सकती है। साथ ही पुलिस प्रशासन की भी इस मामले में संलिप्तता सामने आ सकती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस अवैध शराब फैक्ट्री में छत्तीसगढ़ ब्रांड शराब की 21 हजार ढक्कन आखिर कहां से पहुंची। इस बात की चर्चा इन दिनों शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कहीं ये कार्रवाई दिखावा तो नहीं
शहर के कोतरा रोड में अवैध शराब फैक्ट्री का खुलासा होने के बाद पूरे शहर में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है, मगर इस मामले का सबसे मजेदार पहलू यह है कि जब उस जगह यह कार्रवाई हुई मौके पर एक भी इस कार्रवाई की चपेट में नहीं आया, क्या ये काम सिर्फ एक इंसान का था, जो पूरा अवैध कार्य का ठीकरा उसके उपर फोड़ा जा रहा था फिर उस जगह कार्रवाई होने से पहले विभाग के ही किसी ने सब को कार्रवाई होने का आगाह कर दिया था, तभी मौके पर एक कि भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
अवैध शराब का गढ़ बना रायगढ़
अभी हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ अवैध शराब का गढ़ बन चुका है। कोतरा रोड़ अवैध शराब फैक्ट्री का मामला उजागर होनें के बाद उनकी यह बात सही साबित होती नजर आ रही है। रायगढ़ शहरी क्षेत्र में पहले की अपेक्षा अब अधिक मात्रा में शहर के हरेक गली मोहल्लों में शराब कोचिये सक्रिय हो गए हैं और उनके द्वारा सुबह से लेकर देर रात तक औने-पौने दाम पर बेखौफ अवैध रूप से शराब बेचा जा रहा है। जबकि रायगढ़ आबकारी विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी मोटी कार्रवाई कर वाहवाही लूटने तक ही सिमित है। शहर के लोग अब यह कहने से नही चूकते कि रायगढ़ शहर अब अवैध शराब का गढ बन चुका है।
ब्रांड छत्तीसगढ़ का मगर होलोग्राम नही- आशीष उप्पल
हमारे संवाददाता ने इस संबंध में जब आबकारी विभाग के रायगढ़ शहरी वित्त प्रभारी आशीष उप्पल से चर्चा की तो उनका कहना था कि कल की कार्रवाई में बड़ी मात्रा में शराब के जो ढक्कन मिले हैं। वे छत्तीसगढ़ में चलने वाले ब्रांडेट कंपनी के ढक्कन जरूर हैं मगर उनमें होलो ग्राम नही है जबकि शराब की बोतल में होलोग्राम लगने के बाद ही उसे शासन के द्वारा संचालित माना जाता है। ऐसा संभव है कि ये ढक्कन भी झारखण्ड या ओडिसा प्रांत से बड़ी मात्रा में मंगाए गए हैं। ये भी संभव है कि छत्तीसगढ़ में ही किसी जगह से इसे बनाकर सप्लाई किया गया हो। जहां तक विभागीय जांच का सवाल है तो रायगढ़ में शराब की बोतलों की बाटलिंग नही होती है इसकी डिस्लरी मुंगेली में है इसलिए यहां से जब शराब को पूरी तरह से अवैध ही माना जा सकता है, और उसी आधार पर आगे जांच की कार्रवाई तथा आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।

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