उत्कृष्टता की ओर एक और कदम – रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में स्वर यंत्र के कैंसर का सफल इलाज, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और नई सुविधाओं के विकास पर विशेष जोर दिया है।

by Kakajee News

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल और रायगढ़ के विधायक एवम् वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी का स्वास्थ्य सुविधा के विस्तार को लेकर लगातार दिशा निर्देश मिलता रहता हैं इस दिशा में
स्व. श्री लखीराम अगव्राल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ लगातार अपनी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रयासरत् है और मरीज के बेहतर इलाज के लिए प्रतिबद्ध है। इस कड़ी में कान नाक गला विभाग द्वारा जशपुर निवासी सुशील मुण्डा उम्र 33 वर्ष का सफल ऑपरेशन डीन डॉ. विनीत जैन एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार मिंज के मार्गदर्शन में सफलता पूर्वक किया गया।
मरीज़ सुशील मुण्डा उम्र 33 वर्ष जशपुर निवासी के लिए यह एक विकट स्थिति थी वह पिछले दो वर्षों से खाँसी की समस्या से पीड़ित था और पिछले छः महीनों से उसकी आवाज़ ने भी उसका साथ छोड़ दिया था । वह कई जगह के ईलाज से निराश होकर मेडिकल कॉलेज रायगढ़ पहुँचे। नाक कान गला रोग विभाग में उसकी विभिन्न तरह की जाँचे हुईं जिससे पता चला वह स्वर यंत्र के कैंसर से पीड़ित है जिसका इलाज महँगा है और बड़े (बहुधा )महानगरो में होता है किंतु कान नाक गला रोग विभाग के विशेषज्ञ सर्जन ने उन्हें आशान्वित किया कि इसका इलाज मेडिकल कॉलेज में संभव है और विशेषज्ञ सर्जन द्वारा इलाज की विभिन्न घटकों (प्रक्रिया) को विस्तार से समझाया गया।
रोगी की सहमति के बाद विभिन्न विभागों ने मिलकर सर्जरी की तैयारी की गई। कान नाक गला रोग विभाग की सर्जन टीम में विभागाध्यक्ष डॉ जया साहू , डॉ दिनेश पटेल सहप्राध्यापक ,डॉ नीलम नायक सहायक प्राध्यापक , डॉ आयुषी सिंह ,डॉ अनिल कुमारी, डॉ स्वाति पवार, डॉ रमेश पटेल ,डॉ भावेश साहू, डॉ ख़ुशबू पटेल , निश्चेतना विभाग टीम के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.एम. लकड़ा द्वारा जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक किया तथा मेडिसिन विभाग के सह प्राध्यापक डॉ जितेन्द्र नायक का भी सहयोग रहा
ऑपरेशन के बाद कुछ दिनों तक रोगी को आईसीयू मैं डॉक्टर के निगरानी में रखा गया जहाँ निश्चेतना विभाग,मेडिसिन विभाग, डाइटीशिअन और नर्सेज़ का सहयोग रहा ।अंततः रोगी पूर्णतः स्वस्थ हैं उन्हें डिस्चार्ज किया गया
डॉ दिनेश पटेल , विशेषज्ञ सर्जन एवम सहप्राध्यापक ईएनटी ने बताया इस ऑपरेशन का नाम टी.एल.पी.पी. ( टोटल लेरिंजेक्टमी पार्शियल फेरिंजेक्टमी) है। इसमें पूरा स्वर यंत्र, स्वाँस नली और खाद्य नली का ऊपरी हिस्सा निकाल दिया जाता है फिर खाद्य नली,स्वाँस नली दुबारा बनाया गया है। मरीज़ को कुछ दिनों तक आईसीयू मैं रखना पड़ता है । डाइटिशियन की निगरानी में पौष्टिक नियंत्रित आहार दिया गया । बातचीत दुबारा सिखाने के लिए स्पीच थेरेपिस्ट कुमारी विकासलता लकड़ा एवम श्रीमती सृष्टि महाशब्दे द्वारा थेरेपी की गई ।मरीज़ अब पूरी तरह से बोलने सक्षम हैं ,इस ऑपरेशन निजी अस्पताल में पाँच से छह लाख का खर्च आता है । यह सारी सुविधाएँ रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध हैं ।
मरीज का सम्पूर्ण जांच एवं इलाज निःशुल्क किया गया। इस तरह मेडिकल कॉलेज रायगढ़ एक और उपलब्धि के साथ प्रगति की ओर अग्रसर है।

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