रायगढ़. आजादी के 69 साल बाद भी गंावो में विकास के पुल और सड़क का सपना लिए आदिवासी नाव पर बैठकर अपनी जिंदगी काटने मजबूर हैं। सरकार के वादे पूरी तरह झूठे साबित हो रहे हैं। सुदूर आदिवासी अंचलों में आज भी विकास से महरूम हैं। बरसात के दिनों में हालात इतने खराब हो जाते हैं कि ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर उफनती नदी पार करनी पड़ती है, तभी वे अपने खेतों तक पहुंचकर खेती-किसानी कर पाते हैं।
धरमजयगढ़ विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बायसी और नरकालो के बीच बहने वाली मांड नदी में पुल नही होनें की वजह से आसपास के कई गांव के ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासकर बरसात के दिनों में गांव के ग्रामीणों को खेती किसानी के अलावा अन्य कार्यो के लिये जान जोखिम में डालकर उफनती हुई मांड नदी को नाव के सहारे पार करना पड़ता है। ग्रामीणों की इस समस्या को देखते हुए 13 करोड़ 85 लाख की लागत से मांड नदी पर पुल का निर्माण कराया जा रहा है जो कि पिछले तीन सालों से अधुरा पड़ा हुआ है। गांव के ग्रामीण बताते हैं कि बारिश के दिनों में यहां की स्थिति और भी भयावह हो जाती है। पानी का बहाव नदी में तेज होने से नदी पार करना जान जोखिम में डालने के बराबर होता है, लेकिन दूसरा कोई विकल्प नहीं होने के कारण उन्हें मजबूरन यही रास्ता अपनाना पड़ता है।
तीन साल में भी नही बन सका पुल
गांव के आदिवासी भरतराम राठिया ने बताया कि इस अधूरे पुल का निर्माण कार्य कांगे्रस शासनकाल में शुरू हुआ था और पुल बनाने का टेंडर जशपुर निवासी विसंभर दयाल अग्रवाल को दिया गया था। 14 जनवरी 2022 से पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ जो कि आज दिनांक तक पूरा नही हो सका है। जबकि इस पुल का निर्माण 14 माह में पूरा हो जाना था।
डर लगता है लेकिन विकल्प नही
बायसी गांव के भारत राम राठिया ने बताया कि नदी में पुल नही होनें से उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भारत राम ने बताया कि नदी के उस पार उनकी सारी जमीन है। ऐसे में रोपा लगाने जाने के लिये धान की गाछी को पहले नाव में उसके बाद सायकल से आगे का सफर तय करते हैं। उसने बताया कि उफनती हुई नदी को पार करते समय उन्हें डर लगता जरूरत है लेकिन यह उनकी मजबूरी भी है।
जल्द पूरा हो जाएगा काम
सेतु विभाग के ईई रमेश वर्मा ने बताया कि ठेकेदार ठीक से काम नही कर पा रहा था जिसे 5 अपै्रल को टर्मिनेट कर दिया गया है, बचे हुए काम को रिटेंडर के लिये भेजा गया है, बरसात तक नई एजेंसी आ जाएगी उससे काम पूरा कराया जाएगा।
