बीजापुर: तर्रेम हमले के बाद से अगवा राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों के कब्जे से छुड़ा लिया गया है। वहीं, राकेश्वर सिंह मन्हास की रिहाई के बाद जम्मू स्थित उनके घर पर खुशियां छा गई है। जवान राकेश्वर सिंह की पत्नी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सरकार और उनको छुड़ाने वालों का धन्यवाद।
हमें उम्मीद थी कि वे घर लौट आएंगे, लेकिन ये नहीं पता था कि वे कब घर आएंगे। लेकिन अब नक्सलियों ने उन्हें छोड़ दिया है। अब एक बार उनसे बात करना चाहती हूं। उन्होंने प्रदेश सरकार का धन्यवाद करती हूं, हालांकि सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आ रहा था। हो सकता है उनका कुछ सीक्रेट रहा हो, जो वे लीक नहीं करना चाहते थे।
धरमपाल सैनी, तेलम बोरैया दो लोगों को मध्यस्थ बनाया गया था जो आज तड़के ही तर्रेम से 40 किमी दूर अज्ञात स्थान के लिए रवाना हुए थे। धरमपाल सैनी माता रुखमणी सेवा संस्थान के अध्यक्ष हैं जिन्होंने नक्सलियों से जवान को छुड़ाया। नक्सलियों ने कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर मन्हास को बीते 5 दिनों से कैद कर रखा है, नक्सलियों ने प्रेस नोट करके और आईबीसी संवाददाता को फोन कर इस बात की जानकारी दी थी कि मुठभेड़ के बाद लापता जवान उनके कब्जे में है, और सरकार यदि मध्यस्थों की घोषणा करती है तो जवान को वे सुरक्षित रिहा कर देंगे। जम्मू में रहने वाले जवान के परिजनों ने भी जवान को रिहा करने की अपील की थी, जवान की पत्नी, मां और बेटी ने उन्हे सकुशल छोड़ देने की मांग की थी, वहीं बीजापुर से ही आने वाले भाजपा के पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने भी नक्सलियों से जवान को मानवता के आधार पर जल्द से जल्द और नि:शर्त छोड़ने की अपील की थी। इसके पहले कल नक्सलियों ने कहा था कि स्थानीय स्तर पर जवान की रिहाई नहीं होगी, सरकार को मध्यस्थों की घोषणा करना होगा, मध्यस्थों को ही जवान को सौंपा जाएगा।