छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक लाख रुपए के इनामी नक्सली कोषा मंडावी सहित 7 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। सरेंडर करने वाले अन्य नक्सलियों पर पुलिस की ओर से 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित था। सभी को मुख्यधारा में लौटने की शपथ भी दिलाई गई। प्रशासन की ओर से सरकार की योजना के तहत सभी को प्रोत्साहन राशि 10-10 हजार रुपए दी गई है। नक्सलियों ने सरेंडर लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत किया है।
बाड़ेगुरा स्थित CRPF 195 कैंप पहुंचकर इन नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौट कर सरकार की योजनाओं का लाभ लेने की इच्छा जताई। इसके बाद SP अभिषेक पल्लव, CRPF के द्वितीय कामन अधिकारी संजय रावत, डिप्टी कंमाडर पूरनमल, असिटेंट कंमाडेंट मनीष वर्मा के सामने सभी नक्सलियों ने सरेंडर किया। इनमें कोषा के साथ ही मिलिशिया सदस्य हिड़मा सोढ़ी, मड़काराम कुंजाम, बामन कवासी व हिड़माराम कवासी, हूंगा करतम और मासा कवासी शामिल है।
लोन वर्राटू अभियान के तहत जिले में 346 नक्सली कर चुके हैं सरेंडर
सभी कुआकोंडा क्षेत्र के बड़ेगुडरा पखनाचूहा ग्राम पंचायत के रहने वाले हैं और कटेकल्याण एरिया में नक्सली संगठन में काम करते थे। सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों पर कुआकोंडा थाने में कई आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं में मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि लोन वर्राटू अभियान के तहत दंतेवाड़ा जिले में अब तक 346 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। इनमें 93 इनामी नक्सली भी शामिल हैं। इस दौरान सभी को शपथ दिलाई गई कि वह मुख्यधारा में लौटकर समाज के लिए कार्य करेंगे।
क्या है लोन वर्राटू
लोन वर्राटू का मतलब होता है घर वापस आइए। इस अभियान के तहत दंतेवाड़ा पुलिस अपने जिलों के ऐसे युवाओंं को पुनर्वास करने और समाज की मुख्य धारा में लौटने का संदेश देती है जो नक्सलियों के साथ हो गए हैं। पुलिस की इस योजना के तहत गांवों में उस इलाके के नक्सलियों की सूची लगाई जाती है और उनसे घर वापस लौटने की अपील की जाती है। उन्हें पुनर्वास योजना के तहत कृषि उपकरण, वाहन और आजीविका के दूसरे साधन दिए जाते हैं, जिससे वे नक्सल विचारधारा को छोड़कर जीवन यापन कर सकें।