भभुआ/कैमूर। कोविड 19 यानी कोरोना की जांच स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांवो में पहुँच कर रैपिड एंटीजन कीट से रही है। लेकिन कैमूर में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां कोरोना की जांच करने गयी टीम को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ग्रामीणों द्वारा जांच टीम को बंधक बनाकर उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया। यह मामला जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव का बताया जाता है। ग्रामीणों में कोरोना जांच के नाम पर किडनी निकालने की फैली अफवाह को लेकर आक्रोश था। वही कोरोना की जांच नहीं कराने चाहते थे।
मामला यह था कि जहां चैनपुर स्वास्थ्य विभाग की टीम शेरपुर गांव में कोरोना की जांच रैपिड एंटीजन कीट से करने के लिए गयी थी। वहां टीम द्वारा बिना परिजनों को सूचना दिए कुछ लड़कों का कोरोना का जांच किया गया। जिसके बाद वे लड़के अपने परिजनों को इसकी सूचना दी। इसके बाद फिर क्या था ग्रामीण महिलाएं झुंड बना कर जांच टीम को घेर लिया और हंगामा करने लगी। कुछ महिलाओं ने आक्रोश में मारपीट के लिए डंडा भी ले लिया था। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा ग्रामीणों को समझाने की कोशिश किया गया। लेकिन उनकी बातों को सुनने को तैयार नहीं था। जिसके बाद टीम ने पुलिस को फोन कर सूचना दी और पुलिस के पहुँचने पर वे सभी बिना जांच के वापस लौटे।
वायरल वीडियो में लोगों की चर्चा है कि लोगों में कोरोना कि जांच में किडनी निकालने की अफवाह फैली हुई है। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम बिना लोगों की मंजूरी के कोरोना की जांच कुछ बच्चों कर दिया। जिसके बाद तो ग्रामीण और भी भड़क गए। आक्रोशित होकर जांच टीम के कर्मियों को घेर कर अभद्र व्यवहार किया गया।
वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉ अरुण तिवारी ने बताया कि यह मामला चैनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत शेरपुर गांव का है। जहां कोरोना की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गई थी। जहां ग्रामीणों द्वारा कोरोना जांच का विरोध करने के साथ उन्हें घेर कर हंगामा करते हुए अभद्र व्यवहार किया गया। गाड़ी और जांच टीम को बंधक बनाकर रखा गया था. जब पुुुलिसको इसकी जानकारी दी तो जांच टीम को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ा कर लाया गया। वही पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।