रायगढ़। सूरजपुर कलेक्टर ने सरे राह युवक की पिटाई की तो बजाय उसके खिलाफ एफआईआर और निलंबन के संयुक्त सचिव बना कर शाबासी दे दी। पहले सिर्फ जिले का मुखिया था अब सरकार की गोद मे बैठ कर मंत्रालय से राजकाज चलाएगा।
उक्ताशय की विज्ञप्ति जारी करते हुए भाजपा नेता आलोक सिंह ने कहा है कि भ्रष्टाचरियों को संरक्षण, पद से बौराये अफसरों को प्यार, ये है भूपेश सरकार । उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मामला नही है जब भूपेश सरकार ने भ्रष्ट और बददिमाग अफसरों को संरक्षण दिया हो । इससे पहले रायगढ़ स्थित सारंगढ़ के हिर्री में डॉ के क्लिनिक में तहसीलदार ने तीन लाख की रिश्वत ली और जब सबूत सामने आए तो रकम वापस करवा कर मामला रफा दफा कर दिया।
इसी तरह जशपुर ,बगीचा की एसडीएम की रिश्वतखोरी से तंग आ कर जब उसी के अधीनस्थ आरआई और पटवारियों ने उनसे कबूतर,मुर्गा,मटन,पैसे की मांग सार्वजनिक की तो बजाय उसका निलंबन और बर्खास्तगी के उसे जिला मुख्यालय बुला लिया गया और मामला खत्म कर दिया गया।
आलोक सिंह ने कहा है कि सूरजपुर के एसडीएम का थप्पड़ मारते हुए वीडियो वायरल हो चुका है, पर अब तक कोई कार्यवाही नही की गई जबकि एसडीएम के कहने पर पुलिस युवक को लाठियों से से पीटते साफ दिख रही है। कहना न होगा कि इन्हें भी जल्द ही जिला मुख्यालय में कोई कमान सौप कर मामला खत्म कर दिया जाएगा
महासमुंद में रेडी टू ईट ,मुख्यमंत्री कन्यादान सामूहिक विवाह योजना में 30 लाख के घोटाले को कलेक्टर द्वारा दबाए जाने का मामला महज खाना पूर्ति कर खत्म कर दिया गया। कलेक्टर पर कोई कार्यवाही नही। उल्टे महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले जो इस भ्र्रष्टाचार के मामले में अनशन पर बैठ गए थे उन्हें ही हिरासत में ले लिया गया और जब भाजपा ने मुद्दा उठाया तो उनकी गिफ्तारी का खंडन कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि ये तो महज वो मामले है जो सोसल मीडिया की वजह से सुर्खियों में आये वरना पूरे प्रदेश में प्रशासनिक आतंकवाद अपने चरम पर है। जनता त्रस्त है , अफसर भ्र्ष्ट है और सरकार अपने मे ही मस्त है। सरकारी संरक्षण में लाखो का नकली रेमडिशिवर बेच दिया गया। कोविड अस्पतालों में सरकारी दर से ज्यादा वसूलने वाले अस्पतालों की शिकायत मय सबूत करने पर अफसर अस्पताल के खिलाफ एफआईआर नही उसकी दलाली कर रुपये वापस दिलवा कर मामला रफा दफा कर रहे है। लॉक डाउन में इलाज करने निकलने पर लाठी और शराब के लिए निकलने पर आवभगत करने वाली इस भूपेश सरकार में लोगो की जान बचाने के लिए आई वैक्सीन एयरपोर्ट से गायब हो जाती है। निरीह स्वास्थ्य मंत्री का अफसर फोन नही उठाते। क्रिकेट के जरिये पूरे प्रदेश को कोरोना के पंजो में कैद कर भारत भर में कोरोना के मामलों में नम्बर एक पर पहुंचाने वाली सरकाए ने वर्क्सिनेशन के पन्द्रह दिन सिर्फ इस लिए बर्बाद कर दिए क्यो कि उसे वैक्सिनशन एप पर अपनी फोटो चाहिए था। लोगो की जान से ज्यादा उसे मुख्यमंत्री की फ़ोटो की फिक्र थी।
आलोक सिंह ने कहा है कि दाई साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद और प्रशासनिक आतंकवाद की आग में झोंकने वाली इस सरकार को जनता कभी माफ नही करेगी।