ताउते हो या यास…इन तबाही मचाने वाले चक्रवाती तूफानों के पीछे एक ही कारण, समुद्रों का गरमाना

by Kakajee News

ताउते और यास तूफानों के उत्पन्न होने का स्थान भले ही अलग-अलग हो लेकिन जलवायु वैज्ञानिकों का मानना है कि दोनों के पीछे एक ही कारण है, समुद्र की सतह का अधिक गरम होना। वैज्ञानिकों के अनुसार अरब सागर के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी के तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है जिसकी परिणति यास तूफान है। मौसम विज्ञान ब्यूरो के अनुसार ऐसे चक्रवाती तूफान तब उत्पन्न होते हैं जब समुद्र की सतह का तापमान 28 डिग्री से ज्यादा हो जाए। अरब सागर का तापमान 32 डिग्री तक पहुंच चुका है जबकि बंगाल की खाड़ी का थोड़ा कम 31 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है।
भारतीय उष्ण कटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान की वैज्ञानिक और आईपीसीसी रिपोर्ट की प्रमुख लेखकर डा. राक्सी मैथ्यू कौल ने कहा कि दोनों तूफानों में यह समानता है कि समुद्र के गरमाने से यह उत्पन्न हुए हैं। यह बढ़ोत्तरी ग्लोबल वार्मिंग के कारण हुई है।
दरअसल, वैश्विक तापमान बढ़ोतरी का असर भारतीय समुद्रों के तापमान पर कहीं ज्यादा पड़ा है तथा इसमें तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हिन्द महासागर का समुद्र अन्य समुद्रों की तुलना में ज्यादा गर्म हुआ है। हाल में नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार भारत और बांग्लादेश 2050 तक भयंकर वार्षिक तटीय बाढ़ का अनुभव कर सकते है, जिससे भारत में 3.6 करोड़ और बांग्लादेश में 4.2 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं।
काउंटिग द कास्ट 2020 नामक एक रिपोर्ट में पिछले साल आए तूफानों से हुई क्षति का आंकलन किया गया है। इसमें कहा गया है कि चरम मौसमी घटनाओं से न सिर्फ मानव जीवन को क्षति पहुंचती है बल्कि भारी आर्थिक नुकसान भी होता है। इसमें अम्फान तूफान से हुई क्षति का जिक्र किया गया है जे 96 करोड़ रुपये आंकी गई है तथा इससे 49 लाख लोग प्रभावित हुए। यह 2020 का सबसे बड़ा तूफान था।

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