बिहार में हर साल सैकड़ों लोगों की सांप के डसने से जान चली जाती हैं। जिले में यह आंकड़ा 10 से 12 का है। जानकारी न होने के अभाव में पीड़ित परिवार गरीबी में जीने को मजबूर हो जाता है। क्या आपको पता है कि सांप काटने से मौत पर पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है। केवल थोड़ी सी प्रक्रिया को अपनाकर आप इस मुआवजे को आसानी से पा सकते हैं। मायागंज अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले जिले के 10 से 12 लोगों की मौत हर साल सांप के काटने से हो रही है। आंकड़े उतने लोगों का ही है जो कि इलाज के लिए मायागंज अस्पताल पहुंचे। अगर स्थानीय पीएचसी व सदर अस्पताल में इलाज के साथ-साथ झाड़-फूंक के चक्कर में हुई मौतों को शामिल कर लें तो आंकड़ा 25 से 30 मौत सालाना तक पहुंच जाता है।
वरीय फिजिशियन डॉ. राजकमल चौधरी कहते हैं कि बारिश के दिनों और बाढ़ के प्रकोप के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सांप काटने से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। अगर इसे लेकर जागरूक हो जाएं तो करीब 95 प्रतिशत मरीजों की जान आसानी से बचायी जा सकती है। ऐसे मामलों में वन विभाग द्वारा परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है, लेकिन बीते पांच साल यानी 2016 से लेकर अब तक भागलपुर में एक भी आवेदन नहीं आया है।
हां, हाथी द्वारा कुचले जाने से विभाग द्वारा साल 2016-17 में तीन लोगों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। वन प्रमंडलीय पदाधिकारी (डीएफओ) भरत चिंतापल्ली कहते हैं कि सांप काटने से मौत होने की दशा में मृतक के आश्रित को वन विभाग कार्यालय को आवेदन देना होगा। साथ में मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण पत्र की कॉपी जमा करनी होगी। इसके बाद विभाग स्तर पर जांच कराने के बाद मौत की पुष्टि होने पर पांच लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है।