रायपुर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों और सरकारी दफ्तरों में आज काम ठप्प है । सरकारी कर्मचारी आज से हड़ताल पर चले गए और यह हड़ताल 29 जुलाई तक चलेगा । बताया जा रहा है कि कुछ कर्मचारी संगठन हड़ताल को अनिश्चितकालीन चलाने पर भी जोर दे रहे हैं । प्रदेश भर के 5 लाख से अधिक कर्मचारी महंगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता की मांग के लिए यह आंदोलन कर रहे हैं। इधर हड़ताल को लेकर सियासत देखने को मिल रही है । एक तरफ राज्य सरकार कर्मचारियों के हड़ताल को अनुचित बता रहे हैं । वहीं दूसरी तरफ भाजपा घोषणापत्र की वादे याद दिला रही है ।
सरकारी दफ्तरों में 5 दिनों तक कामकाज ठप्प रहेंगे । कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संरक्षक सुभाष मिश्रा ने बताया कि अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन पांच दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है और सामूहिक अवकाश लेकर अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं । उनका मांग है कि केंद्र के समान उन्हें डीए और एचआर दिया जाए । उन्होंने बताया कि आभी केंद्र में 34% डीए मिलता है ,करीब 12% डीए का गेप है पिछले 3 साल से की अवधि में काफी नुकसान हुआ है तो कर्मचारी संगठन मांग कर रहे हैं और फेडरेशन के आवाहन पर आज से अवकाश पर है । वही कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रवक्ता विजय झा बताया कि 5 दिन का अवकाश लेकर आंदोलन किया जा रहा हैं । आंदोलन के कारण पूरे प्रदेश के कार्यालय 9 दिन तक बंद रहेंगे । प्रत्येक कर्मचारियों को प्रतिमाह हजारो का आर्थिक क्षति हो रहा है । महंगाई भत्ते नहीं मिल रहा है गृह भाड़ा भत्ता नहीं मिल रहा है । छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य ,केंद्र के कर्मचारियों को अलग भत्ता दिया जाता है और राज्य के कर्मचारियों को अलग । उन्होंने कहा कि केंद्र के समान भत्ता देने की हमारी मांग है । छत्तीसगढ़ कर्मचारी फेडरेशन के आवाहन पर समस्त कर्मचारी आंदोलन पर है ।
बतादे कि फेडरेशन के माध्यम से 29 जून को एक दिवसीय हड़ताल सफलतापूर्वक सम्पन्न करके कर्मचारियों ने अपनी ताकत का अहसास कराया था । लेकिन मांगे पूरी नहीं होने के कारण पूर्व प्रस्तावित कर्मचारियों की पांच दिवसीय हड़ताल पर है । जिसमें सरकारी काम-काज पूरी तरह ठप ठप्प है । इधर काम ठप्प होने से लोग काफी परेशान नजर आए और निराश होकर घर जाने को मजबूर हुए ।
कर्मचारियों के प्रदेश व्यापी आंदोलन को लेकर आज सदन में भी हंगामा देखने को मिला । बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार को घेरते हुए कहा कि स्कूल ,सरकारी कार्यालय बंद है। सभी विभागों के कार्यालय में ताला लगा हुआ है । कर्मचारी सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं । वही नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के मुताबिक पूरे प्रदेश भर के मंत्रालय के कर्मचारी सड़कों पर है और 1 दिन नहीं बल्कि 5 दिनों के लिए । कार्यालय में ताला लगा हुआ है प्रदेश में । ऐसी स्थिति कभी नहीं आई । पूरे प्रदेश में अफरा-तफरी का माहौल है । आखिर जनता कहां जाए ,इसका कारण राज्य सरकार है। वही कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा मुख्यमंत्री के संज्ञान में है कर्मचारियों का हड़ताल । यह हड़ताल उचित नही है , सरकारी कार्य प्रभावित होते है ।
गौरतलब है कि कर्मचारी संगठनों द्वारा केन्द्र के समान महंगाई भत्ता देय तिथि से देने और सातवें वेतनमान की अनुशंसाओं के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता प्रदान किए जाने की मांग वर्षों से की जा रही है । मांगों को मनवाने प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी लामबंद हो गए हैं । फिलहाल कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सरकारी काम पूरी तरह से ठप हो गए हैं ,स्कूल बंद हो गया है । अब देखने वाली बात यह है कि आखिर कर शासकीय कर्मचारियों की हड़ताल पर सरकार कब विचार करती है ।


