सरकारी रकम में हेराफेरी करने वाले पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक , डॉक्टर व गाड़ी मालिक को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है । घटना 2010 की है जिसके उजागर होने के बाद विभाग ने मामले की जांच की । जांच पूरी होने के बाद तीनों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कर साल 2016 में इसे कोर्ट में पेश किया गया था । इसी मामले में कोर्ट ने शुक्रवार शाम तीनों आरोपियों को सजा सुनाई ।
शासकीय अधिवक्ता सौरभमणी मिश्रा ने बताया कि चिकित्सा विभाग में योजना के तहत जमुनापारी बकरे के वितरण कार्यक्रम आया हुआ था । जिसमें हितग्राहियों को बकरे का वितरण करना था । इसके लिए गाड़ी की भी जरूरत थी । विभाग ने 1.40 लाख रुपए आबंटित किया था । इसी राशि में उप संचालक बीएस ध्रुव , डाक्टर पीएस सरल व वाहन ओनर नीशा कदम ने हेराफेरी कर 94 हजार 500 रुपए निकाल लिए ।
नीशा कदम की गाड़ी क्रमांक सीजी 04 बी 8395 को पशु चिकित्सा विभाग ने साल 2010 में किराया में लेना बताते हुए उसके नाम से रकम निकाली । जो बिल व देयक प्रस्तुत किया था वह वह जनवरी से मई 2010 के बीच के थे । जबकि इसी अवधी में बोलेरो क्रमांक सीजी 04 बी 8395 का जिले में नक्सली उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पुलिस विभाग में किराए में अनुबंध किया गया था ।
मामले में तीनों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर मामला विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण की जज लीना अग्रवाल के कोर्ट में पेश किया गया , जिसमें सजा सुनाई गई ।
