रायपुर। प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश औसतन अच्छी नहीं हुई है | राज्य में औसत से कम बारिश वाली तहसीलों में फसलों की स्थिति का नजरी आकलन कराने के निर्देश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए हैं । मुख्यमंत्री ने अल्प बारिश वाली तहसीलों में राहत कार्य के लिए तत्काल कार्ययोजना भी तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं । गौरतलब है कि राज्य की 28 तहसीलों में चालू वर्षा मौसम में 01 अगस्त की स्थिति में 60 फीसद से कम बारिश दर्ज की गई है ।
राज्य में मानसून के कमजोर पड़ने तथा राज्य के उत्तरी हिस्से के जिलों विशेषकर सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर में अल्पवर्षा के चलते खरीफ की बोनी एवं फसलों की स्थिति प्रभावित हुई है । कम बारिश के चलते संसदीय सचिव श्री चिन्तामणी महराज, विधायक वृहस्पत सिंह एवं अन्य विधायक गणों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सरगुजा संभाग की कम बारिश वाली तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अल्पवर्षा की स्थित को देखते हुए प्रभावित तहसीलों में फसलों का नजरी आकलन कराने के साथ ही राहत कार्य के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं । बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का बयान प्रदेश के कुछ हिस्सो में सूखे के हालात पर कहा सूखे की स्थिति बन गई है, सरगुजा में स्थिति बेहद खराब रक्षाबंधन नजदीक लेकिन अब तक बोआई नहीं हो पाई सरकार ने स्थिति का जायजा लेने में देर कर दी है |
मुख्यमंत्री ने कहा जहा सूखे की स्थिति बनी है उन तहसीलों में नजरि सर्वे कर के रिपोर्ट मंगवाई गई है | अभी वैसे बरसात की सम्भावना बानी हुई है | लेकिन सर्वे करना ज्यादा उचित होगा | सरगुजा संभाग के कुछ ज़िले और तहसील ज़्यादा है जहां काम बारीश हुई है | फिलहाल सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है | सूखे को लेकर कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के निर्देश | मुख्यमंत्री ने कहा जहा सूखे की स्थिति बनी है उन तहसीलों में नजरि सर्वे कर के रिपोर्ट मंगवाई गई है | अभी वैसे बरसात की सम्भावना बानी हुई है | लेकिन सर्वे करना ज्यादा उचित होगा | सरगुजा संभाग के कुछ ज़िले और तहसील ज़्यादा है जहां काम बारीश हुई है | फिलहाल सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है |
राज्य के 9 जिलों की 28 तहसीलों में 01 अगस्त 2022 की स्थिति में 60 प्रतिशत से कम औसत वर्षा हुई है, इनमें 8 तहसीलें ऐसी हैं जहां 40 फीसद से भी कम बारिश हुई है। ऐसी तहसीलों में फसलों का नजरी आकलन कराकर सूखा घोषित करने हेतु नियमानुसार शासन को एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।