रायगढ़ । महाराजा अग्रसेन जयंती की खुशी में आज महाराजा अग्रसेन की पूजा – अर्चना करने पारंपरिक वेशभूषा में सजकर शहर की श्याम महिला इकाई की सखियाँ व श्याम मंडल इकाई के श्रद्धालुओं ने सुबह नौ बजे मंदिर चौक से भव्य नगाड़े व आतिशबाजी व महाराजा अग्रसेन व माता माधवी की मनभावन झांकी के साथ अग्रोहा भवन पहुँचे और महाराजा की पूजा – अर्चना व महाआरती में श्रद्धा से शामिल हुईं।
महाराजा को लगाए 56 भोग
अग्रोहा भवन में श्याम मंडल इकाई के श्रद्धालुओं व सखियों ने सर्वप्रथम महाराजा अग्रसेन की विधिवत ढंग से पूजा – अर्चना व महाआरती किए। इसके पश्चात फूलों का हार महाराजा अग्रसेन जी को अर्पित किए व 56 भोग अर्पित किए फिर उपस्थित सभी समाज के लोगों को महाराजा का प्रसाद बांटे।
मस्त झूमे भक्ति गीतों के साथ
पूजा – अर्चना व महाआरती के बाद श्याम महिला इकाई की सभी सखियों ने एक से बढ़कर एक मधुर भक्ति गीतों के साथ जमकर झूमीं वहीं पंखिड़ा ओ पंखिड़ा, माँ काली से मिलकर जाना गीत संग सभी भाव – विभोर होकर झूमीं जिससे अग्रोहा भवन में उपस्थित लोग भी खुशी से थिरकने लगे और पूरा सदन आध्यात्मिक माहौल व जयकारे से गुंजित हो गया।
महाराजा की झांकी रही खास
श्याम मंडल इकाई व श्याम महिला के श्रद्धालुओं ने आज महाराजा अग्रसेन की महाआरती पूजा के दूसरे दिन महाराजा अग्रसेन की जीवंत मनभावन झांकी मंदिर चौक से निकाली जिसमें महाराजा अग्रसेन बनीं राधा अग्रवाल व महाराजा अग्रसेन की अर्द्धागिंनी माता माधवीं बनीं सरिता अग्रवाल की मनोहारी छवि ने सभी के मन को मुग्ध कर दिया व लोगों को यूं प्रतीत हुआ कि सचमुच में आज महाराजा अग्रसेन जी व माता माधवी जी साथ में हैं। इसी तरह अग्र कुल के 18 गोत्र गोत्र बने श्याम इकाई के श्रद्धालुओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सजकर उपस्थित सभी लोगों का मन हर्षित किया जो विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा।
इनका रहा योगदान
पूजा – महाआरती के कार्यक्रम को सफल बनाने में श्याम मंडल इकाई के अध्यक्ष राजेश चिराग, सचिव सचिन बंसल, राजेश मालधक्का रोड़, सुरेश केडिया, मनोज केडिया, राजेश केडिया, ललित बोंदिया, कैलाश अग्रवाल, रामावअवतार अग्रवाल, लक्ष्मण भैया, किशन केडिया, श्याम इकाई महिला सखियाँ से संस्थापक श्रीमती
अध्यक्ष रिंकी केडिया, संस्थापक रमा अग्रवाल, सीमा चरक, कुसुम चरक, मंजू महमिया, मंजू चिराग, नेहा अग्रवाल, ममता अग्रवाल, मीरा बैजणायां रीमा केडिया, मीनाक्षी, मधु, सुनीता, शीतल, कुसुम सहित अनेक सखियों का सराहनीय योगदान रहा।
