धमतरी। लोक संस्कृति और कला को बढ़ावा देने के बाद अब छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को वैश्विक पहचान दिलाने की कवायद चल रही है । इसके लिए छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत की गई है। ग्रामीण स्तर के बाद जोन स्तर पर भी छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का आयोजन बड़े उत्साह से किया जा रहा है, जिससे छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं परम्परा का प्रचार राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है । जिसमे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी बड़े ही उत्साह के साथ इन खेलों में भाग ले रहे हैं ।
कुरुद जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत दरबा, कठौली, नारी, व गोजी में जोन स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में मुख्यातिथि के रूप में शारदा लोकनाथ साहू (अध्यक्ष जनपद पंचायत) ने पूजन अर्चन कर व विभिन्न खेलों में हिस्सा लेकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक को बहुत अच्छी पहल बताते हुए शारदा साहू कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार खेलों के आयोजन से अब फिर से हम लोग अपने स्थानीय खेलों को खेल रहे हैं, जिससे एक नए उत्साह भरे माहौल का निर्माण गांव में हुआ है । अब बच्चे व आने वाली पीढ़ियां भी हमारे पुराने समय से चलते आ रहे स्थानीय खेलों के प्रति जागरूक होंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की पहल पर छत्त्तीसगढ़ की संस्कृति से लोगों को जोड़ कर रखने व स्थानीय खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन 6 अक्टूबर से 6 जनवरी तक किया जा रहा है । इसके अंतर्गत दलीय और एकल श्रेणी में 14 प्रकार के पारम्परिक खेलों को शामिल किया गया है, जिसमें 18 वर्ष से कम, 18 से 40 वर्ष और 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं।
इस खेल प्रतियोगिता के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल जैसे-गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़,कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा), बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद इत्यादि में महिला, पुरूष प्रतिभागी उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। यह प्रतियोगिता गांव से लेकर राज्य स्तर तक 6 स्तरों पर होगा। जिसकी शुरूआत राजीव युवा मितान क्लब स्तर से हुई है, इसके बाद जोन स्तर,फिर विकासखण्ड,नगरीय क्लस्टर स्तर,जिला,संभाग और अंतिम में राज्य स्तर पर खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।