उद्घाटन से पहले ही बिहार के बेगूसराय में पुल गिर (Bridge Collapses in Begusarai) गया. यह पुल साल 2017 में ही बनकर तैयार हो गया था लेकिन अप्रोच पथ नहीं होने की वजह से इस पर आवागमन चालू नहीं हुआ था. अगर इस पर ट्रैफिक होता तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी. अभी तक इस मामले में प्रशासनिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
साहेबपुर कमाल प्रखंड मे बूढ़ी गंडक नदी पर बना बिष्णुपुर आहोक घाट पुल, जो गोबिंदपुर और रजौरा जाता है, रविवार सुबह बीच से टूट कर पानी में समा गया. पुल की लागत 13.43 करोड़ रुपए थी. मुख्यमंत्री नावार्ड योजना से साल 2017 में ही यह पुल बनकर तैयार हो गया था लेकिन अप्रोच पथ नहीं होने की वजह से इस पर आवागमन चालू नहीं हुआ था. इस पुल का निर्माण मां भगवती कंस्ट्रक्शन ने करवाया था. अभी तक इस मामले में प्रशासनिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
बेगूसराय में बूढ़ी गंडक पर बना पुल गिरा: दरअसल, पुल निर्माण होने के पर बनने के कुछ साल के भीतर दरार आ गई थी, लेकिन उसका मरम्मत नहीं किया गया. बताया जा रहा है कि यह पुल बीते 9 सालों से निर्माणाधीन था और अप्रोच पथ के अभाव में यह अनुपयोगी बना हुआ था. कुछ दिन पहले इस पुल मे दरार आ गया. दो दिन पहले पिलर नंबर 2-3 के बीच दरार देखी गई थी. इसके बाद से इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी.
पुल के धंसने और दरार की सूचना मिलते ही बलिया एसडीओ रोहित कुमार एसडीपीओ कुमार वीरेंद्र सहित कई पदाधिकारी वहां पर देखने गये थे. लोगों का मानना है कि इसे संयोग कहें कि अब तक इस पर किसी बड़े वाहन का परिचालन शुरू नहीं किया जा सका, वरना किसी भी बड़े हादसा से इंकार नहीं किया जा सकता.
‘पुल निर्माण में जमकर लूटखसोट’: वहीं, इस संबंध में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता संजय कुमार यादव ने आरोप लगाया कि पुल के निर्माण में जमकर लूटखसोट किया गया है. ठेकेदार से लेकर अधिकारियों तक ने पैसे कमाए हैं. लूटखसोट का ही जीता-जागता उदाहरण है कि पुल नदी में समा गया. उन्होंने कहा कि निर्माण करने वाली एजेंसी के ठेकेदार को अविलंब गिरफ्तार किया जाए. वहीं स्थानीय लोगों ने भी आरोप लगाया है कि पुल के निर्माण में लूटखसोट हुआ है.