रायगढ़. नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण करने के मामले में फास्ट ट्रेक कोर्ट ने आज आरोपी युवक को 20 वर्ष कड़ी कैद और जुर्माने से दंडित किया है।
अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि 02 जून 2020 को पीडिता के पिता द्वारा थाना चक्रधर नगर में पीडिता के गुम हो जाने के लिखित शिकायत इस आशय का किया गया कि पीडिता जो उसकी पुत्री है जिसकी उम्र 14 वर्ष है 01 जून 2020 को सुबह 06 बजे से घर से गायब हो गयी है, वे लोग काफी परेशान है, पीड़िता की खोजबीन किये जाने पर भी उसका पता नहीं चला, पीडिता के पिता के लिखित शिकायत के आधार पर थाना चक्रधर नगर में धारा 363 भा० द०स० का प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध किया गया ।
विवेचना के दौरान पीड़िता के पिता द्वारा थाने में 07 जून 2020 को प्रस्तुत किये जाने पर पीडिता से पूछताछ किये जाने पर पीडिता द्वारा बताया गया कि घटना 07 जून 2020 तक पीडिता को शादी का झांसा देकर बहला फुसलाकर आरोपी चुकेश कुमार उरांव ले गया था और जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाकर शारीरिक शोषण करना बताये जाने पर पीडिता को गवाहों के समक्ष बरामद कर बरामदगी पंचनामा की कार्यवाही की गई. पीडिता का महिला चिकित्सक से परीक्षण कराया गया। जिसमें अनाचार की पुष्टि होनें के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 366, 376, 2 तथा लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 व 6 को जोड़ कर आरोपी को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया था।
इस मामले में करीब पौने तीन साल तक न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन रहने के दौरान इसकी सुनवाई चली और आज इस मामले में फास्ट ट्रेक कोर्ट की विशेष अदालत की माननीय न्यायाधीश श्रीमती प्रतिभा वर्मा की अदालत ने इस मामले में आरोपी को लगभग सभी धाराओं में दोष सिद्ध करार देते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास तथा पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।