अपने दल से बिछड़े दंतैल ने महज 13 दिनों में 16 लोगों को उतारा मौत के घाट, आलम ऐसा कि क्षेत्र में लगा धारा 144….पढ़िये पूरी खबर

by Kakajee News

अपने झुंड से बिछड़े जंगली हाथी का कहर जारी है। इस जंगली हाथी ने महज 13 दिनों के भीतर 16 लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में धारा 144 के तहत विशेधाज्ञा लागू कर दी गई है। जिसके तहत 5 से अधिक लोगों के एक ही स्थान पर इकट्ठा होनें पर रोक लगा दी गई है और ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि खासकर सूर्योदय और सूर्यास्त के पश्चात अपने-अपने घरों में रहे, किसी भी हाल में जंगली हाथी के करीब न जाएं। उक्त मामला झारखण्ड का है।


इस संबंध में डीएफओ श्रीकांत वर्मा ने कहा कि जब गांव में हाथी आता है तो लोग उसे भगाने, खदेड़ने या कौतुहलवश उसे देखने के लिए उसके पास चले जाते हैं। जिसकी वजह से जनहानि हो रही है। बताया जाता है कि वन विभाग झुंड से बिछड़े जंगली हाथियों से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल के विशेषज्ञों की टीम के साथ हरसंभव कदम उठा रहा है। सरकारी आंकडों के मुताबिक पिछले 12 दिनों में हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, लोहरदगा और रांची जिले में हाथी ने 16 लोगों को कुचलकर मार डाला है। संरक्षक (वन्यजीव) शशिकर सामंत ने यह जानकारी दी। शशिधर सामंत ने बताया कि रांची वन संरक्षक की अध्यक्षता म 4 मंडलों में वन अधिकारियों की एक समिति बनाई है। समिति को यह पता करना है कि क्या उन सभी 16 लोगों की जान एक ही हाथी ने ली है।

वन संरक्षक (वन्यजीव) शशिधर सामंत ने बताया कि हमें ऐसा लगता है कि हाथी अचानक ऐसा उग्र व्यवहार करने लगा है। समिति इस बात की जांच करेगी कि क्या हाथी जानबूझकर लोगों को मार रहा है या मारे गए लोग लापरवाही की वजह से हाथी के हमले का शिकार हुए हैं।

पिछले 13 दिनों में हाथी ने 16 लोगों की जान ली
रविवार और सोमवार को हाथी ने लोहरदगा में 2 महिलाओं सहित 4 लोगों को कुचल कर मार डाला। ताजा होता है मानों सोमवार की देर रात हाथी राजधानी रांची से – किमी दूर इटकी प्रखंड के उक्त गांव में घुसा और 2 महिलाओं सहित 4 लोगों की हत्या कर दी। मंगलवार सुबह भी 1 व्यक्ति को घायल कर दिया। डीएफओ ने आशंका व्यक्त की है कि संभवत इसी हाथी ने 2 सप्ताह पहले हजारीबाग में 5 लोगों को मार डाला था। रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड में भी 1 व्यक्ति को कुचल दिया। इसके बाद चतरा में 1 व्यक्ति को मार डाला।

पश्चिम बंगाल से बुलाई गई विशेषज्ञों की टीम
इधर, लोहरदगा के डीएफओ अरविंद कुमार ने बताया कि पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले से हाथियों के विशेषज्ञ दल को बुलाया गया है। यह टीम हाथी को आबादी वाले इलाकों से घने जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि क्या जिन 16 लोगों की मौत हुई है, में 1 ही व्यक्ति का हाथ है। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक ट्रैकिंग सिस्टम है। यह सिस्टम प्रत्येक जिले में हाथियों के मूवमेंट की जानकारी देता है। इसके अलावा हाथी की त लेख और वीडियो से भी काफी कुछ पता चलता है।

मृतकों के आश्रितों को सरकार देगी मुआवजा
इस बीच वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हाथी के हमले में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के आश्रित को 25-25 हजार रुपये की तत्काल राहत राशि दी गई है। सरकारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मृतक के परिवारों को 3.75 लाख रुपये बतौर मुआवजा दिए जाएंगे। गौरतलब है कि पिछले वर्षों में झारखंड में इंसानों और हाथियों के बीच संघर्ष बढ़ ऐप पर पढ़ें 2021-22 में ही 133 लोगों की जान गई है। 2020-21 में 84 लोग मारे गए थे। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हाल ही में बताया था कि 2017 से अब तक 4622 लोगों की जान गई है।

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