दुनिया में एक ओर जहां परमाणु हथियारों की भरमार होने से विनाशकारी युद्ध का खतरा मंडराता रहा है, वहीं दूसरी ओर अंतरिक्ष से मुसीबत आने की खबरें भी आती रहती हैं.
अभी खगोल-वैज्ञानिकों ने कहा है कि चांद (Moon) भी धरती पर तबाही मचा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि चांद की पृथ्वी (Earth) से दूरी घटती जा रही है, वह पृथ्वी के करीब आता जा रहा है.
अंतरिक्ष से दुनिया की तबाही मचने का खतरा
अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री की रिपोर्ट बताती है कि धरती और दूसरे एस्टेरॉयड के टकराने के बाद चांद वजूद में आया. एस्टेरॉयड अंतरिक्ष में ही बहुत से टुकड़ों से बना था. सफेद और क्रिस्टल दिखने वाला चांद खतरे का का सिग्नल दे रहा है. धरती से चांद की दूरी तेजी से कम हो रही है. एक्सपर्ट इसे बड़े खतरे का अलार्म मानते हैं.
हर साल 1.5 इंच धरती की ओर खिसक रहा चांद
अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, धरती से चांद हर साल 1.5 इंच फासले पर स्विंग हो जाता है. इस लिहाज से अगर 65 बिलियन साल की बात करें तो चांद दूर जाने के बजाए धरती के पास आना शुरू हो जाएगा. यही वो वक्त होगा, जब तबाही की शुरूआत हो जाएगी. अभी चांद धरती से 238,900 मील की दूरी पर है..अगर ये धरती के पास आकर पृथ्वी की कक्षा में आया तो समुद्र से 30 हजार फीट उूंची लहरें उठेंगी. ऐसा होने पर समुद्र से कैसे तबाही मचेगी, ये सोचकर ही कलेजा कांप जाएगा.
चांद के पास आने पर यूं बदल जाएंगे हालात
चांद के धरती के निकट आने पर जन-जीवन पर बड़ा असर पड़ेगा. दिन छोटे हो जाएंगे. तापमान भी गिरेगा और हिमयुग की शुरूआत हो सकती है. यदि चांद पृथ्वी से टकराया तो क्रैश होते ही यह धरती पर गोल रिंग-सी बना देगा. तब धरती शनि ग्रह की तरह इस रिंग के अंदर दिखाई देगी. इससे जीवन के अनुकूल वातावरण नहीं रह जाएगा. इस तरह बेहद कम समय में लोग मौत के मुंह में चले जाएंगे.
..तो छोटे-छोटे टुकड़े शहरों में गिरेंगे
कुछ वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि चांद के पृथ्वी से टकराने पर छोटे-छोटे टुकड़े अलग-अलग शहरों में गिरेंगे. इससे भी तबाही मचेगी. दुनिया अब तक उल्कापिंड से हुई तबाही देख ही चुकी है. उल्कापिंड अंतरिक्ष से आने वाले टुकड़े होते हैं, जिनके वायुमंडल में आते ही आग लग जाती है.