कैमूर में बिना सूचना के अतिक्रमण हटाने के नाम पर पुलिस प्रशासन की दबंगई, दुकानदारों के साथ मारपीट, सामानों की हुई लूट

by Kakajee News

मोहनियां/कैमूर। गुरुवार को कैमूर जिले के मोहनिया में छठ महापर्व को लेकर सड़क के किनारे फल दुकानें सजी हुई थी। जहां छठ पूजा की सामग्री व फल की खरीददारी के लिए लोगों की भीड़ लगी। जिसके बाद अचानक बिना सूचना के अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पुलिस प्रशासन द्वारा शुरू कर दिया गया। जिसके बाद बाजार में भगदड़ मच गया। इस भगदड़ के बीच दुकानदारों के सामानों की भी लूट हुई। मिली जानकारी के मुताबिक, मोहनिया के स्टूवरगंज बाजार में मोहनिया एसडीएम अमरीशा बैंस, मोहनिया डीएसपी रघुनाथ सिंह, और मोहनिया थाना प्रभारी,नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी सहित दर्जनों पुलिस और नगर पंचायत की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए पहुँच गयी।

बिना पूछताछ व सूचना दिये ही भीड़ देखते हुए छठ पूजा को लेकर मोहनिया के स्टूवरगंज में फल और सब्जी की सजी दुकानो के सामान को जब्त करते अतिक्रमण हटाने लगे। इस दौरान पूजा के समान खरीदारी करने के लिए हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम भी उमड़ा था। लेकिन गुरुवार दोपहर अचानक पदाधिकारियों के नेतृत्व में बिना सूचना दिए अतिक्रमण हटाने के नाम पर दुकानदारों के ऊपर पुलिस द्वारा डंडे बरसाने शुरू कर दिए गए। जब दुकानदारों द्वारा विरोध किया गया तो उनके साथ पुलिस द्वारा गुंडई व दबंगई करते हुए मारपीट करने लगें।

यहां तक कि नगर पंचायत की टीम उनकी फलों व सब्जियों को भी जब्त कर ले गए। महिलाओं के साथ भी पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा बिना महिला पुलिसकर्मी के ही खिंचा जाने लगा। अतिक्रमण हटाने के दौरान मीडिया कर्मी भी पहुँचे तो अपना कवरेज करने लगे। इस बीच पुलिस प्रशासन की बर्बरता की वीडियो और फ़ोटो लेने के दौरान एक मीडियाकर्मी के मारपीट व अभद्र व्यवहार किया गया।

वीडियो बनाता देख पुलिसकर्मी अतिक्रमणकारियों को छोड़कर पत्रकार के साथ मारपीट करते हुए उसके कपड़े फाड़े, फिर मोबाइल फोन भी छीना। कुछ देर बाद मोहनिया डीएसपी के पहल पर उनके बॉडीगार्ड द्वारा किए जा रहे पत्रकार की पिटाई को चेतावनी देकर छोड़ा गया।

इस घटना के दौरान स्टूवरगंज बाजार में काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल प्रशासन पर उठता है कि अगर अतिक्रमण हटाना ही था तो आज छठ पूजा की खरीददारी करने के समय जब भीड़ काफी संख्या में एकत्रित हुई तो उस समय प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए क्यों गयी। उसके पहले ही उन दुकानदारों के साथ बैठक कर या नगर पंचायत के कर्मी और पुलिस फोर्स तैनात कर सूचना देकर अतिक्रमण हटाने जाती।

नियमानुसार जहाँ भी अतिक्रमण हटाया जाता है तो अचानक पुलिस प्रशासन द्वारा बर्बरता व दबंगई के साथ अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है। इसके लिए बकायदे दो दिनों पहले बाजार के दुकानदारों को सूचना दी जाती है कि वे निर्धारित समय तक अतिक्रमण हटा लें अन्यथा बलपूर्वक अतिक्रमण हटाया जायेगा। लेकिन आज पुलिस प्रशासन, नगर पंचायत द्वारा ऐसा नियम के अनुसार नहीं किया गया। अगर इस दौरान कहीं बड़ा हादसा हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता ?

दुकानदार बताते हैं पुलिस प्रशासन द्वारा हम लोगों को कोई सूचना हटने के लिए नहीं दिया गया था। हम लोग सड़क छोड़कर थोड़ी बहुत दुकान आगे लगाए हुए थे। खरीदारों का काफी संख्या में भीड़ भी बाजार में आया हुआ था। बिना सूचना दिए पुलिस प्रशासन के लोग आए और दुकानदारों पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए। जिससे काफी देर तक स्टूवर गंज में भगदड़ मच गया। हम लोगों के फल भी पुलिस वाले लूट कर ले कर चले गए । नगर पंचायत की अतिक्रमण हटाने वाली टीम उठा कर जब्त ले गयी। जिससे फल दुकानदारों को काफी आर्थिक क्षति हुई है। जिसका भरपाई प्रशासन को करना चाहिए।

वही कैमूर एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया आप लोगों के द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है मामले की जांच कर कार्रवाई की होगी ।

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