घने जंगल में सौ फीट की ऊंचाई से गिरते पानी ने बिलासपुर के पवई फाल को दी पहचान

by Kakajee News

बिलासपुर। बलरामपुर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित दर्शनीय स्थल पवई फाल प्रमुख पिकनिक स्पाट के रूप में जाना जाता है। साल की विदाई और नए साल के स्वागत के लिए पवई फाल में सैलानियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है। मगर, इसके बावजूद यह स्थल प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। सुविधाओं की कमी की वजह से यहां दूसरे राज्यों से आने वाले सैलानियों की संख्या अभी भले ही ज्यादा नहीं बढ़ रही है। मगर, क्षेत्रवासियों के घूमने के लिए यह एक पसंदीदा स्थल है।
जनपद पंचायत बलरामपुर के ग्राम पंचायत खड़ियादामर से लगे घने जंगल और पहाड़ के बीच पवई फाल स्थित है। यहां की नैसर्गिक खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। पवई फाल चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा है, जो इसकी खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं। यहां बलरामपुर जिले से बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने आते हैं वहीं, दूसरे राज्यों एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों से भी यहां पिकनिक मनाने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है। नए वर्ष में यहां पर्यटकों की ज्यादा भीड़ रहती है।
25 दिसंबर से ही यहां पिकनिक मनाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगती है। पवई फाल जिले का प्रमुख पिकनिक स्पाट होने के बाद भी इसे विकसित करने की कोई सार्थक पहल आज तक नहीं की गई है। इसकी वजह से यहां आने वाले लोगों में मायूसी भी रहती है।
100 फीट ऊपर से गिरता है झरना-
पवई फाल का झरना आकर्षण का केंद्र है। यहां करीब 100 फीट ऊंचाई से पानी गिरता है। झरने के नीचे चनान नदी बहती है। बुनियादी सुविधा विकसित करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर आज तक कोई पहल ही नहीं की गई। वन विभाग द्वारा कुछ दूरी तक, तो कच्ची सड़क का निर्माण कर दिया गया है परंतु अभी आधा किलोमीटर पगडंडी होने कारण अपने वाहन को खड़ा करके पिकनिक मनाने वाले लोग पैदल जाते हैं।
सेल्फी लेना एवं पहाड़ पर जाना हो सकता है खतरनाक
झरने के नीचे गहराई का पता आज तक नहीं चल सका है। ऐसे में यहां सेल्फी लेना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। पहाड़ के ऊपर जाना भी खतरनाक है। ऐसे में यहां जाने वाले लोगों को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। यहां हाल के दिनों में कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। सुरक्षा का प्रबंध नहीं किया गया है। गेम रेंजर सेमर सोत अभयारण्य जोगेश्वर पैकरा ने बताया कि रास्ता एवं बैठने की व्यवस्था के लिए अभी पांच लाख की स्वीकृति मिली है। जल्द निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। धीरे-धीरे सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

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