कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का निधन हो गया है। मोतीलाल वोरा का 92 साल की उम्र हो चुकी थी और बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले मोतीलाल वोरा ने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली थी। मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान के नागौर जिले में हुआ था। मोतीलाल वोरा का विवाह शांति देवी वोरा से हुआ था। उनके चार बेटियां और दो बेटे हैं। उनके बेटे अरुण वोरा दुर्ग से विधायक हैं और वे तीन बार विधायक के रूप में चुनाव जीत चुके हैं।
ऐसा था मोतीलाल वोरा का राजनीतिक जीवन
- मोतीलाल वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करते हुए पत्रकारिता की और बाद में 1968 में राजनीति में प्रवेश किया।
- 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश ‘राज्य सड़क परिवहन निगम’ के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए।
- 1977 और 1980 में दोबारा विधानसभा में चुने गए और उन्हे 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली।
- मोतीलाल वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त हुए।
- 13 फरवरी 1985 में वोरा को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया।
- 13 फरवरी 1988 को मोतीलाल वोरा ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर 14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला।
- अप्रैल 1988 में मोतीलाल वोरा राज्यसभा के लिए चुने गए
- 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर आसीन रहे
वोरा नेशनल हेराल्ड केस के कारण विवादों में रहे
गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर की संपत्ति के विवाद में मोतीलाल वोरा विवादों में भी रहे। इस केस को लेकर कोर्ट में अभी भी सुनवाई चल रही है। अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, यंग इंडियन और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में शामिल तीनों संस्थाओं में मोतीलाल वोरा को महत्वपूर्ण स्थान मिला हुआ था। मोतीलाल वोरा 22 मार्च 2002 को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बने थे। उन्होंने इससे पहले भी ऑल इंडिया कांग्रेस कार्यसमिति के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। इसके अलावा मोतीलाल वोरा 12 फीसदी के शेयरधारक और युवा भारतीय निर्देशक भी थे।