रायगढ़। रायगढ़ जिले में कल खेत में बिछाए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आकर एक जंगली हाथी की मौत हो जाने के मामले में वन विभाग की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर नियमानुसार न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी न्यायालय धरमजयगढ़ के समक्ष पेश किया गया। वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के उलंघन करने पर माननीय न्यायालय ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड देते हुए आरोपी को 22 जनवरी को जिला जेल रायगढ़ दाखिला हेतु आदेश किया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक धरमजयगढ़ वन मंडलाधिकारी अभिषेक जोगावत ने जानकारी देते हुए बताया कि 21 जनवरी को क्रोन्धा परिसर ग्राम क्रोन्धा के राजस्व क्षेत्र खामनारा नामक स्थान में 01 नग नर हाथी के मौत होनें की सूचना परिसर रक्षक क्रोन्धा से प्राप्त हुई। वन परिक्षेत्राधिकारी धरमजयगढ द्वारा उक्त घटना की सूचना तत्काल उच्चाधिकारियों को देते हुए पशु चिकित्सकों की टीम एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को भी सूचित किया गया। मौका स्थल पर जांच करने पर पता चला कि 20 जनवरी को छाल वन परिक्षेत्र के खडगांव परिसर कक्ष क्रमांक 594 आर एफ में 13 हाथियों का दल (गौतमी दल) विचरण कर रहा था जिसकी लगातार ट्रेकिंग की जा रही थी एवं आस पास के ग्रामीणों को हाथी विचरण की जानकारी दी जा रही थी।
आनंद ने खेत में बिछाया था करंट
21 जनवरी को उक्त गौमती दल के 01 नग हाथी उम्र लगभग 10 वर्ष की मौत आनंद राम वल्द पिरित राम राठिया साकिन क्रोन्धा के खेत में होना पाया गया। जांच के दौरान आनंद राम राठिया के द्वारा अपने खेत में तार बिछाकर विद्युत करेंट प्रवाहित किया गया था, जिससे हाथी की मृत्यु होना पाया गया।
सूंड में चिपका हुआ था तार
मृत हाथी के सूंड में विद्युत तार चिपका हुआ था एवं सूंड में विद्युत करेंट से जलने का निशान मिला। विद्युत करेंट प्रवाहित करनें संबंधी तार, खूंटा, बैटरी, झटका, पैनल चार्जर मौका स्थल पर मिला जिसे नियमानुसार जप्ती की कार्यवाही किया गया। मृत हाथी की पोस्टमार्टम पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा किया गया। वन मंडलाधिकारी एवं उप वनमंडलाधिकारी के उपस्थिति में विधिवत् मृत हाथी के कफन-दफन की कार्यवाही किया गया।
आरोपी को आज किया गया गिरफ्तार
पूछताछ के दौरान आरोपी आनंद राम वल्द पिरित राम राठिया ने फैलाये गये अवैध विद्युत तार से जंगली हाथी की मृत्यु होना स्वीकार किया गया। तत्पश्चात आरोपी को गिरफ्तार कर नियमानुसार न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी न्यायालय धरमजयगढ़ के समक्ष पेश किया गया। वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा-2,9,39,51 एवं 52 के उलंघन करने पर माननीय न्यायालय ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड देते हुए आरोपी को 22 जनवरी को जिला जेल रायगढ़ दाखिला हेतु आदेश किया गया।