बिलासपुर-: जनता ही जनार्दन होती है इसकी जीती जागती मिसाल है बिलासपुर की जनता जिसने हमेशा से अपना लोहा मनवाया है ,बिलासपुर को हमेशा संघर्ष से ही सब कुछ मिला है वो चाहे रेलवे जोन हो,हाईकोर्ट हो,सेंट्रल यूनिवर्सिटी हो मेडिकल कालेज हो या हवाई सेवा सब के सब संघर्ष से मिला।
प्रदेश में 15 वर्षो बाद सत्ता का परिवर्तन हुआ पूरे छत्तीसगढ़ में परिवर्तन की लहर ऐसी चली की सत्ता में बैठी भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया , कई कद्दावर नेता हार गए जिसमे एक बिलासपुर की भी सीट थी जिसमे अमर अग्रवाल पिछले 18 वर्षो से विधायक बने रहे उनको भी बिलासपुर की जनता बदल दिया ,छत्तीसगढ़ बनने के बाद ये पहला बदलाव था जिसमें जनता में भारी आक्रोश था बिलासपुर के विकास को लेकर जो बदलाव के रूप में पूरा हुआ।
बिलासपुर से पैराशूट उम्मीदवार की छवि लिए शैलेश पांडेय को जनता ने विधायक बनाया सिर्फ इसलिए की उनसे उम्मीद थी कि वो बिलासपुर का विकास तीव्र गति से करेंगे लेकिन हुआ इसके उल्टा जब से पैराशूट उम्मीदवार घोषणा बाज विधायक बने तब से जनता को सिर्फ उनके द्वारा घोषणा ही मिली आज ढाई साल हो गए लेकिन शहर आज भी वही खड़ा है , विकास के नाम पर कई करोड़ो की घोषणा बाज विधायक ने घोषणा कर डाली लेकिन विकास कार्य कहि होता दिखाई नही दे रहा है घोषणबाज बिलासपुर विधायक का इन ढाई वर्षो में जीरो कार्य शैली की छवि बन गई है जिससे जनता को समझ मे आने लगा कहि न कहि उनसे कोई चूक हुई है उम्मीदवार चूनने में?
बिलासपुर की जनता अब समझ चुकी है कि उन्होंने ऐसे विधायक को चुन लिया जो सिर्फ घोषणा ही करता है काम कुछ भी नही,अब शहर में तो आम जनता के बीच पैराशूट विधायक के साथ साथ घोषणा करने वाले घोषणा बाज विधायक को इन्ही नाम से चर्चा आम हो गई है आगे के ढाई साल में क्या घोषणा होती है या बिलासपुर का विकास ये देखने वाली बात है फिर जनता को उम्मीद कम ही नजर आती है ।