जनता की रक्षा के साथ-साथ उनकी जान बचाने का जज्बा बरकरार, रोज सुबह पांच बजे से उठकर चप्पे-चप्पे की करवाते हैं निगरानी ,खुद भी भुखे प्यासे पहुंच जाते हैं जिले के बार्डर में

by Kakajee News

रायगढ़. छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है और इसके बढ़ते आंकड़े लगातार आम जनता के साथ-साथ सरकार को चिंता में डाल रहे हैं, लेकिन खाकी वर्दी पहनने वालों ने शायद यह कसम खा ली है कि वे अपनी जान की परवाह न करके जनता के लिए कुछ भी कर गुजर जाएंगे। इतना ही नही दिन हो या रात तपती दोपहरी में खाकी जनता के लिए सड़कों पर खड़ी रहती है। तो इनके अधिकारी बार्डर में पहुंचकर कमियों को दूर करते हैं इतना ही नही सुबह हो या शाम किसी भी वक्त खाकी पहने हमारे सिपाही थकते नही हैं। रायगढ़ जिले में इस जज्बे को वो लापरवाह जनता समझ नही रही है जिनके चलते लॉकडाउन के 9 दिन गुजर जाने के बाद भी संक्रमण में कमी लाने की पहल की बजाए अपनी मनमानी करते हुए इनके नियमों को तोड़ते हुए खाकी को और परेशान कर रहे हैं।
एक रक्षा सूत्र मास्क का हो, बाढ़ में भूखे और बेघर लोगों को संवेदना कार्यक्रम के जरिए सहयोग पहुंचाना जैसे कई कार्यक्रम के जरिए जिले के पुलिस कप्तान संतोष सिंह ने छत्तीसगढ़ ही नही बल्कि देश में अपनी अलग पहचान बनाई है और उनकी मानवीय संवेदना देखते ही बनती है। कहने को तो आम जन यह अंदाजा लगाते हैं कि खाकी पहनने के बाद अधिकारी केवल आदेश देने के लिए कुर्सी की शोभा बढ़ाते हैं लेकिन बीते डेढ साल से अधिक समय से संतोष सिंह ने कभी आराम नही किया, उन्होंने केवल अपराधियों पर लगाम लगाने के अलावा जनता को राहत देने के लिए हर वो कदम उठाए जो जरूरी थे। औद्योगिक नगरी में हर वो बड़े अपराध होनें के बाद अपराधियों को कुछ ही घंटों मंे जेल का रास्ता दिखाने वाले संतोष सिंह की दूरदर्शिता ही है कि वे कभी भी थकते नही हैं। शायद इसी का परिणाम है कि उन्हें छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने भी एक बार नही बल्कि कई बार अलग-अलग पुरूस्कारों से नवाजा है।
आज यह रायगढ़ जिला पिछले साल की तरह फिर से कोरोना की चपेट में आ गया है और जैसे ही शासन से दिशा निर्देश मिले उसके तुरंत बाद पुलिस कप्तान संतोष सिंह ने अपनी टीम के साथ जो मोर्चा बंदी की है वह जनता देख तो रही है लेकिन समझ नही रही। घरों में रहकर सुरक्षित रहने की सलाह, मास्क पहनकर संक्रमण से बचें और बिना किसी काम के घरों से न निकले जैसे संदेशा को देने के बाद भी लापरवाही थम नही रही है। आज सुबह पांच बजे उठने के बाद पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह व उनके सभी मातहत अधिकारी व अन्य थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ चौक-चौराहों पर तैनात हो जाते हैं। लेकिन इनकी परेशानी को कोई नहीं समझ रहा। लगातार मौतों के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए संतोष सिंह किसी भी क्षेत्र में जनता की एक फरियाद पर उनके घरों तक सहायता पहुंचाते हैं।
एक जानकारी के अनुसार रायगढ़ की गर्मी पूरे देश की सबसे ज्यादा तपीश देने वाला शहरों के नाम से जाना जाता है और इस गर्मी में खाकी की खाकी पहने लोग कोरोना के भयंकर प्रकोप की परवाह न करते हुए जिले की जनता को बचाने के लिए लगे हुए हैं। संतोष सिंह रायगढ़ ही नही बल्कि जिले के हर थाना क्षेत्र में जाकर वहां के थाना प्रभारियों तथा पुलिस टीम को न केवल रिचार्ज करते हैं बल्कि उन्हें जनता के लिए हमेशा तत्परत रहने का संदेश देते हुए थकते नही हैं। जबकि बड़े अधिकारी चाहें तो वे घर बैठकर या कार्यालय में बैठकर अपने अन्य अधिकारियों को आदेश दे सकते हैं लेकिन उन्होंने इस संक्रमण काल में दोगुनी ताकत से भुखे प्यास रहकर अपनी सजगता से यह बता दिया कि वे जो शपथ लेकर आईपीएस बने थे उस शपथ को वो हमेशा निभाएंगे। जिले के बार्डरों में पहुंचकर अचानक वहां की व्यवस्था देखना तैनात वर्दी वालों का हाल चाल जानना और उसके बाद जनता व जनप्रतिनिधियों से तालमेल रखना कोई मजाक नही है चूंकि हर छोटी सी चूक जिलेवासियों को महंगी पड़ सकती है इतना वे जानते हैं और समझते हैं लेकिन जनता है कि आज भी छोटी-छोटी लापरवाही करके इस संक्रमण काल में अपनी मनमानी करने में लगी है।

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