रिटायर्ड केंद्रीय कर्मचारी से 54 लाख 30 हजार की धोखाधड़ी, बाल काटने वाले युवक ने अपने इंजीनियर दोस्त के साथ मिलकर की धोखाधड़ी

by Kakajee News

बिलासपुर में सेलून में बाल काटने वाले युवक ने अपने इंजीनियर दोस्त के साथ मिलकर एक रिटायर्ड केंद्रीय कर्मचारी से करीब 54 लाख 30 हजार की धोखाधड़ी कर ली मामले मे पुलिस ने राजस्थान के अलवर जिले से गांव में दबीश देकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है पूछताछ में आरोपियों ने अपराध की बात कबूल की और बताया की वो खुद को ईडी, मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर पीड़ित को सोशल मीडिया पर अवैध प्रोनोग्राफी कंटेंट अपलोड करने एवं मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाकर गिरफ्तार करने का दबाव बनाते थे।
दरअसल पुलिस ने बताया की अग्येयनगर के रहने वाले जयदेव सिंह केंद्रीय कर्मचारी हैं उनके पास जून 2024 में ईडी व मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के कथित अधिकारी बनकर फोन आया पीड़ित को सोशल मीडिया पर अवैध प्रोनोग्राफी कंटेंट अपलोड करने और मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट में शामिल होने का झांसा देकर उसे गिरफ्तारी का डर दिखाया।आरोपियों ने डर दिखाकर इसके आवाज में 26 जून से 15 जुलाई 2024 तक अलग-अलग किस्त में करीब 54 लाख 30 हजार अपने बैंक खाते में जमा कर लिया पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने अपराध दर्ज की थी।
साइबर पोर्टल में रिपोर्ट दर्ज पर पुलिस मामले की जांच की और संदिग्ध बैंक खाते को चिन्हित कर बैंक स्टेटमेंट, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और विड्रोल की जानकारी जुटाकर बैंक पंजीकृत मोबाइल नंबर कॉलिंग आईएमइआई नंबर कॉलिंग नंबर की जानकारी ली इस दौरान जांच में पता चला की आरोपीयों का ठिकाना हरियाणा और राजस्थान मे मिली बिलासपुर पुलिस ने अलवर पुलिस के सहयोग से आरोपी निकुंज कुमार फैमिली लाइन स्कीम नंबर 3 थाना कोतवाली और लक्ष्य सैनी साहब जौहडा विजय मंदिर रोड शिवाजी पार्क को हिरासत में लेकर पूछताछ किया तो दोनों आरोपियों ने ऑनलाइन ठगी का काम करने की बात स्वीकार की।
आरोपियों ने ऑनलाइन ठगी के काम करने में उपयोग आने वाले फर्जी सिम कार्ड व बैंक फर्जी खाते गांव के आसपास के मजदूरी करने वाले व्यक्तियों के नाम पर हासिल करने की बात की और ऑनलाइन फ्रॉड का काम कर संपत्ति स्वयं और दूसरे के बैंक खाते में प्राप्त करने की बात को स्वीकार की।फिलहाल पुलिस मामले में आरोपी निकुंज और लक्ष्य सैनी को न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट डिमांड पर लिया है ।
पुलिस पूछताछ और जांच में पता चला है कि आरोपी निखिल सैनी धोखाधड़ी से हासिल की राशि को अपने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उत्तरी अमेरिका,चीन व यूरोप के अपने संपर्क सूत्र से ज्यादा रकम देकर यू एससडीटी खरीदता था ।यूएसडीटी मिलने से कम रकम पर इंटरनेशनल प्लेटफार्म पर विक्रय कर धोखाधड़ी की राशि से अपनी महंगी आवश्यकताओं को पूरा करते थे।
ठगी के अंतरराज्यीय एक आरोपी सेलून में काम करता था और दूसरा आरोपी पॉलिटेक्निक का छात्र है दोनो एक ही मोहल्ले में रहते थे और दोनो सेलून में आकर ठगी करने का प्लान बनाते थे फिर फोन करके पीड़ित को धमकाते थे और बैंक खाता में पैसा जमा करवाने और घर में छापामारी करने की धमकी देते थे।

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