पीने के साफ पानी को तरस रहे छोटे गुमड़ा के ग्रामीण, कुंआ खुदवा लिए मगर भुगतान आज तक नहीं हुआ

by Kakajee News

रायगढ़. घरघोड़ा से 12 किलोमीटर दूर घरघोड़ा तहसील के अंतर्गत ग्राम छोटे गुमड़ा की महिलाएं आज तलक विकास के साथ साथ मूलभूत आवश्यकताओं से जूझ रहे हैं। आलम यह है कि यहाँ के ग्रामीण स्थानीय जनप्रतिनिधि से इतने आक्रोशित है कि अब उन्हें किसी पर भरोसा नहीं रहा वे अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं करने लगे हैं। घरघोड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम छोटे गुमड़ा में शासन की योजना पहुंच तो रही है मगर यहाँ के ग्रामवासियों को इसका कुछ लाभ नहीं मिल पा रहा है। खासकर वार्ड नं 07 के महिलाओं को पीने के पानी तक के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। वार्ड में लगे नल हैण्डपम्प जंग खा रहे हैं। बोरवेल खराब हो गया है। जिसकी शिकायत अरसा बीत गया जनप्रतिनिधि आश्वासन के अलावा कुछ नहीं कर रहे।
ग्रामीणों ने बताया कि यह गांव जहां विकास से महरूम है तो वहीं मूलभूत समस्याओं से यहां से जूझना पड़ रहा है। खासकर ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ता है। गांव में लगे बोर, बोरिंग व नल में जो पानी आता है वो पीने योग्य बिल्कुल नहीं है। सभी जगहों से मटमौला व लाल पानी निकलता है। जिसका उपयोग नहाने एवं बर्तन धोने के लिए ही किया जाता है। नतीजन गले की प्यास बुझाने के लिए ग्रामीण व स्कूली छात्र कुंए के पानी का ही उपयोग करते हैं। ऐसा नहीं है कि इस मामले की जानकारी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों को नही है। ग्रामीणों के द्वारा कई बार इस मामले की जानकारी से उन्हें अवगत कराया जा चुका है, लेकिन आज तलक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
हमारे संवादाता को गांव के तोष साहू, राजा शर्मा सहित अन्य युवाओं ने बताया कि उनके गांव में समस्याओं का अंबार है। गांव वालों का कहना है कि गांव में नाली निर्माण नहीं होनें की स्थिति में सड़कों में पानी बहता है। नल-जल योजना के तहत घर-घर नल कनेक्शन दिया गया है, लेकिन नल से निकलने वाला पानी पीने योग्य नहीं है। यही हाल गांव के बोर, बोरिंग का है। इस परेशानी से जूझते हुए गांव वालों ने इसकी शिकायत क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से कर चुके हैं इसके बाद उनके द्वारा कहा गया कि आप लोग जो सक्षम है वे अपनी लागत से गांव में कुछ-कुछ जगह कुंआ खुदवा लीजिए आप लोगों को इसका भुगतान बाद में कर दिया जाएगा, लेकिन कुंआ खुदवाए एक साल से भी अधिक का समय हो गया। मगर उनको भुगतान आज तक नहीं किया गया है। जिससे ग्रामीणों में अपने जनप्रतिनिधि के प्रति आक्रोश भी है। जबकि दूसरी ओर ग्रामवासी कुछ दूर सफर तय कर कुंए से पानी निकालकर पीने का उपयोग कर रहे हैं। स्कूली छात्रों ने बताया कि उनके स्कूल में लगे बोर व बोरिंग से लाल पानी आता है। इस वजह से यह पानी पीने लायक बिल्कुल नहीं है। उनके पीने के लिए पानी स्कूल से कुछ दूरी पर स्थित एक घर के कुंए से लाकर दिया जाता है। गर्मी के शुरूआती दौर में ही छोटे गुमड़ा के ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। जबकि अभी पूरी गर्मी बाकी है। ऐसे में अगर इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में यहां के लोगों को और किन-किन परेशानियों से जूझना पड़ेगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।


राशि मिली पर अब तक नहीं बना आंगनबाड़ी भवन
गांव के लोगों ने बताया कि स्कूल में संचालित आंगनबाड़ी भवन को दूसरी जगह बनाने के लिए तोड़ दिया गया है और नए आंगनबाड़ी भवन का कार्य भी शुरू हो चुका है, लेकिन एक आंगनबाड़ी भवन साल भर से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अधूरा है। गांव के लोग यहां भी अपने जनप्रतिनिधि पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।


एक साल से नहीं मिला मनरेगा का भुगतान
गांव के ग्रामीणों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासन के योजना अनुसार हर ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत काम दिया जाता है। मगर ग्राम छोटे गुमड़ा के ग्रामीणों को मनरेगा में काम तो करा लिया गया, मगर एक साल से भी अधिक का लंबा वक्त बीत जाने के बावजूद उनको उनके कार्य का भुगतान नही किया गया है। इस वजह से गांव के मजदूर ग्रामीणों में अपने जनप्रतिनिधि के प्रति आक्रोश है।


क्या कहते हैं बीडीसी व अन्य जनप्रतिनिधि
इस संबंध में क्षेत्र के बीडीसी क्रांति गुप्ता का कहना था कि गांव में पानी की समस्या से निपटने के लिए जनपद अधिकारियों को अवगत कराया गया है। मनरेगा भुगतान कुछ लोगो का नहीं मिला है। जिस पर भी आवेदन दिया गया है। वहीं इस संबंध में जब ग्राम पंचायत के सरपंच व उप सरपंच से समस्या का समाधान में जानकारी लेनी चाही तो न तो वे घर में मिले और न ही उनका फोन उठ सका।


गांव का होगा सर्वे, उपलब्ध कराएंगे स्वच्छ पेयजल- ईई पीएचई
हमारे संवाददाता ने इस संबंध में जब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता संजय सिंह से इस समस्या से समाधान के संबंध में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि संबंधित विभागीय अधिकारी को इस संबंध में ग्राम पंचायत क्षेत्र का मौका मुआयना करके तत्काल सुधार कार्य करवाने और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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