उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के हुसैनाबाद गांव में कोविड-19 टीका लगाए बगैर ही टीका लगाने का प्रमाण पत्र जारी किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। हालांकि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इसकी वजह तकनीकी गड़बड़ी बताई है।
बलिया जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के हुसैनाबाद गांव में ऐसे अनेक मामले सामने आये हैं जिसमें बिना टीका लगाये ही टीका लगने का प्रमाण पत्र जारी हो गया है। प्रमाण पत्र जारी होने के बाद गांव में अफरातफरी की स्थिति है। तकरीबन 15 हजार आबादी वाले इस गांव के 34 वर्षीय विनायक चौबे ने पत्रकारों को बताया कि वह हरियाणा के गुड़गांव में नौकरी करते हैं। गुड़गांव में उन्होंने टीके के लिए एप पर पंजीयन तो करा लिया था, लेकिन वैक्सीन नहीं लिया था।
विनायक पिछले बृहस्पतिवार को अपने गांव पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि अगले दिन शुक्रवार को गांव में टीका शिविर लगने वाला है। विनायक ने बताया कि ‘इस पर मैने अपने छोटे भाई विमलेश चौबे और बहन प्रियंका चौबे के साथ टीका लगवाने चला गया। सेंटर पर हमने अपनी तमाम जानकारी दे दी और बैठकर अपनी बारी का इंतज़ार करने लगे । कैंप में काफी भीड़ थी । हमने दिन भर इंतज़ार किया, लेकिन बारी नहीं आई । हम शाम को घर लौट आए।’
उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल पर रात के करीब 10 बजे मैसेज आया कि उनको टीका लग चुका है। उन्होंने पोर्टल पर प्रमाण पत्र देखा । उस पर उनकी ही जानकारी दी गई है, जबकि उन्हें टीका लगा ही नहीं है। गांव की ही रहने वाली 22 वर्षीय रानी दुबे और 25 वर्षीय आरती दुबे की भी ऐसी ही समस्या है। रानी दूबे ने पत्रकारों को बताया कि ‘शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मैं, मेरी दीदी आरती दुबे और भतीजी प्रगति दुबे टीका लगवाने पहुंचे। वहां काफी भीड़ थी। जैसे-तैसे हमने अपने आधार कार्ड का नंबर और फोन नंबर लिखवाया और अपनी बारी का इंतज़ार करने लगे। शाम पांच बजे तक हमने इंतज़ार किया, लेकिन हमारी बारी नहीं आई। फिर हम तीनों वापस लौट आए।’
उन्होंने बताया, ‘मोबाइल पर रात के 10 बजे हम तीनों को मैसेज आया कि आपको टीका लग गया है। हम हैरान हो गए कि जब हमें वैक्सीन लगा ही नहीं तो ये मैसेज कैसे आया। गांव के ही 21 वर्षीय पियूष तिवारी ने बताया कि देर शाम बिना टीकाकरण के वह वापस लौट आये और रात को उनके मोबाइल पर टीका लगने का संदेश आ गया। इससे पहले रानी ने दावा किया कि गांव के कई लोगों के साथ ऐसा हुआ है।’
हुसैनाबाद गांव के प्रधान संजीत यादव के मुताबिक उनके गांव में करीब 20-30 ऐसे मामले सामने आये हैं। यादव बताते हैं, ”मुझे गांव के ही हरिशंकर गौड़ ने बताया कि उन्हें टीका नहीं लगा है, लेकिन लगने का मैसेज आ गया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दे दी है। विभाग का कहना है कि अव्यवस्था के चलते ऐसा हुआ है और स्वास्थ्य विभाग ने ग्राम प्रधान को आश्वस्त किया है कि जिनके साथ भी ऐसा हुआ है, उन्हें टीका लगेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. तन्मय कक्कड़ ने बताया कि उन्हें फोन पर ऐसी तीन शिकायत मिली है। सीएमओ ने बताया कि ‘टीका नहीं लगा और मैसेज चला गया तो यह टेक्निकल गलती है।’ उन्होंने बताया कि इस शिकायत को उन्होंने टेक्निकल यूनिट को दे दिया है।