रायगढ़। दीपावली के त्यौहार को लेकर बाजार सज चुका है, कुम्हार पूरे उत्साह के साथ मिट्टी के बर्तन और दिये बनाकर अपनी दीपावली बेहतर बनाने की पूरी तैयारी में दिखने लगे हैं। बाजार में मिट्टी के दियो की मांग को देखते हुए इस बार ना केवल कुम्हारों के चेहरों में खुशी देखी जा रही है बल्कि उन्हें उम्मीद है कि इस बार दीपावली में उनके घर दोगुनी खुशी आने वाली है।
दीपावली के त्यौहार में अब कुछ दिन ही शेष बचे हैं। पांच दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार को पूरे भारत में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। दीपावली की तैयारी को लेकर जहां 15 दिन पहले ही बाजार में रौनक देखते ही बनती है वहीं कुम्हार दिया बेचकर परिवार के उजाले की तलाश में जुट जाता है। रायगढ़ के कुम्हार बताते हैं कि दिये बनाने के लिये पहले आसानी से मिट्टी मिल जाया करता था लेकिन अब लगातार कालोनियों के निर्माण हो जाने से उन्हें दूर दराज से ट्रेक्टर का भाडा देकर मिट्टी लाकर दिये बनाये जा रहे हैं। कुम्हार बताते हैं कि शासन की तरफ से जिले के हरेक कुम्हारों को चाक का वितरण किया गया है। जिससे वे दिया के अलावा मिट्टी के अन्य बर्तन बनाकर उन्हें बाजार में बेचते हैं। इस बार दिये की अच्छी खासी बिक्री हो रही है। चाक में दिया बना रही एक दस साल की बच्ची प्रिया चक्रधारी ने बताया कि करीब एक माह पहले ही उसने अपने पिता से ही मिट्टी के बर्तन के अलावा दिया बनाना सीखी है और अब वह और उसका भाई भी पिता के काम में हाथ बंटाते हैं।
दीपावली की तैयारी के संबंध में कुम्हार हुकुम चंद चक्रधारी ने बताया कि हमने पूरी तरह कर ली है, दिया, कलश, धूपदानी बनाकर मार्केट में बेचने की तैयारी कर ली है। दीपावली के सीजन में 50 से 60 हजार तक के दिये बिक जाते हैं। मार्केट में चायनीज आयटम आने के बावजूद भी उनके दिये हाथों हाथ बिक रहे हैं, रोजाना पूरा परिवार मिलकर 5 से 7 सौ दिये बनाकर मार्केट में बेचा जा रहा है। कुम्हार ने बताया कि इस बार भी मिट्टी के दिये की बिक्री अधिक हो रही है, पूजा पाठ के लिये लोग मिट्टी के दिये का ही उपयोग करते हैं, मार्केट के देखकर उन्हें लगता है कि इस बार उनकी दीपावली बहुत ही शानदार होनें वाली है।
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