2019 में हुई थी शादी, लेकिन पाकिस्तान से अब भारत आ पाई दुल्हन, जानें पूरा मामला

by Kakajee News

राजस्थान के जैसलमेर जिले के बईया गांव के विक्रम सिंह की दुल्हन ढाई साल बाद पाकिस्तान से भारत लौट गई। 2019 में विक्रम सिंह की शादी पाकिस्तान के सिंध इलाके में निर्मला कंवर से हुई थी, लेकिन पुलवामा हमला और बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई थी, जिससे वीजा नहीं मिलने के कारण दुल्हन भारत नहीं आ पाई थी। शुक्रवार को अटॉरी बॉर्डर से विक्रम सिंह की पत्नी निर्मला कंवर भारत के बाडमेर पहुंच गई। हालांकि, विक्रम सिंह के अलावा नेपाल सिंह और महेंद्र सिंह की भी शादी पाकिस्तान में हुई थीं, लेकिन दोनों की दुल्हनें मार्च में भारत लौट गई थी। 

दरअसल, जनवरी 2019 में बईया निवासी विक्रम सिंह व नेपाल सिंह की बारात थार एक्सप्रेस से सिंध इलाके पाकिस्तान गई थी। शादी के बाद पुलवामा अटैक व बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद दोनों मुल्कों के रिश्तों दरारें आ गई। इसके बाद दोनों देशों के बीच ट्रेन, बस और हवाई सेवाएं बंद हो गई थी।

इसी बीच कोरोना महामारी ने भी दस्तक दे दी थी। दोनों दूल्हे अप्रैल तक पाकिस्तान में ही थे और फिर भारत लौट आए। इस दौरान वीजा की दिक्कतों के कारण दोनों दुल्हनें उनके साथ नहीं आ सकी थीं। विक्रम सिंह के भारत आने के बाद उसकी पत्नी ने बेटे राजवीर सिंह को पाकिस्तान में ही जन्म दिया था।

केंद्रीय मंत्री की पहल से भारत लौटी दुल्हनें
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी की पहल पर 9 मार्च को बईया निवासी नेपाल सिंह की पत्नी और गिराब निवासी महेंद्र सिंह की पत्नी अटॉरी सीमा से भारत आए थे। उस समय निर्मला कंवर के पासपोर्ट में तकनीकी खामियां होने की वजह से भारत आने की अनुमति नहीं मिल पाई थी। विक्रम सिंह और निर्मला कंवर का बेटा राजवीर सिंह निर्मला कंवर की बहन के साथ भारत लौट गया था।

2019 में तीन बारात गई थी पाकिस्तान
 राजस्थान से पहले भी पाकिस्तान में संबंध होते रहे हैं। भारत -पाकिस्तान के बीच बारात आती जाती रही है। जनवरी 2019 में बाड़मेर गिराब निवासी महेंद्र सिंह की बारात और जैसलमेर बईया निवासी दो भाइयों विक्रम सिंह और नेपाल सिंह की बारात थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान के सिंध इलाके में गई थी। तीनों की पाकिस्तान में शादी भी हो गई। तीनों दूल्हे करीब 3-4 माह पाकिस्तान में रुके थे। दोनों देश के रिश्ते में दरार के चलते दुल्हनों को वीजा नहीं मिला था और बारात बिना दुल्हन के वापस लौटी थी।

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