सरकारी अस्पतालों में से एक लोकनायक अस्पताल से एक बड़ी लापरवाही की खबर सामने आ रही है। यहां पैदा हुई एक बच्ची के माता-पिता का आरोप है कि अस्पताल ने बच्ची के जन्म के बाद उसे मृत घोषित कर दिया था और डिब्बे में बंद कर घर भेज दिया था। जब परिजनों ने घर पहुंचकर वो डिब्बा खोला तो बच्ची जिंदा मिली।
बच्ची के परिजन वापस अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने देखने से किया मना कर दिया। सेंट्रल दिल्ली की डीसीपी ने अब इस मामले में हस्तक्षेप किया है।डीसीपी सेंट्रल ने संज्ञान लेते हुए इस बच्ची की जान बचाने के लिए अस्पताल के आला चिकित्सकों से संपर्क साधा फिलहाल बच्ची बच गई है। पुलिस की मदद से सघन इलाज चल रहा है। बच्ची आईसीयू में भर्ती है।
बताया जा रहा है कि यह बच्ची प्रीमैच्योर डिलीवरी के फलस्वरूप जन्मी है। इसका वजन मात्र 525 ग्राम है और 6 महीने यानी 24 हफ्ते में पैदा हुई है जिसकी वजह से अब वह आईसीयू में भर्ती है।
क्या है अस्पताल का दावा
वहीं इस मामले में लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि डॉक्टर ने ऐसा कुछ नहीं किया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। एमएस सुरेश कुमार ने ये भी कहा कि लापरवाही की बात सही नहीं है। सभी वरिष्ठ डॉक्टर 24 हफ्ते (6 महीने) की इस 525 ग्राम की बच्ची को बचाने में लगे हुए हैं। हम सब बच्ची को बचाने के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं। साथ ही ये भी बता दें कि यह बच्ची कभी घर गई ही नहीं थी। जब बच्ची का जन्म हुआ तो लगा कि मृत है लेकिन बाद में देखा गया तो उसमें हरकत थी, जिसके बाद से उसका आईसीयू में इलाज चल रहा है।